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भूकंप की पूर्व चेतावनी पर BHU में वर्कशॉप:

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के भू भौतिकी विभाग में चल रहे सात दिवसीय कार्यशाला में भूकंपीय विज्ञान से जुड़े बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि गोपाल नारायण विश्वविद्यालय जमुहार सासाराम बिहार के कुलपति प्रो. एमके सिंह ने कहा कि भूकंपीय प्रक्रिया का प्रभाव इंसान के साथ ही अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है। ऐसे में भूकंप के पहले चेतावनी मिलने से इससे होने वाली क्षति को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

मुख्य अतिथि प्रो. एमके सिंह ने पुरातन रीति से भूकंप के अवधारणा को वर्तमान विज्ञान के संकल्पना एवं खोज को ही मानवीय विकास बताया। युवा विज्ञानियों को पूर्व चेतावनी के क्षेत्र में काम करके मानव समाज का कल्याण करना चाहिए।

आईआईटी रुड़की के भूकंप वैज्ञानिक प्रो. एमएल शर्मा ने वर्तमान में चल रहे भूकंप संवर्धन और भूकंप वैज्ञानिकों की ओर से तैयार की गई तकनीक के बारे में भी बताया। कहा कि उपग्रह द्वारा भूकंप जोन का पूर्वानुमान किया जा रहा है। आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक प्रो. एससी गुप्ता ने भूकंप विज्ञान के क्षेत्र में आईआईटी रुड़की में चल रहे अनुसंधान के बारे में बताया।

बीएचयू चीफ प्रॉक्टर प्रो. अभिमन्यु सिंह ने विज्ञान के क्षेत्र में खोज को समय की जरूरत बताया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर ज्ञानप्रकाश सिंह ने किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. रोहताश ने कार्यशाला में सात दिनों के कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान डॉ. बिरेंद्र प्रताप, डॉ. सत्य प्रकाश, शिवेंद्र ओझा, शोध छात्र अमृतांश राय, अंकित सिंह, रविकांत तिवारी, आयुष, पल्लव, विपिन सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

विस्तार

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के भू भौतिकी विभाग में चल रहे सात दिवसीय कार्यशाला में भूकंपीय विज्ञान से जुड़े बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि गोपाल नारायण विश्वविद्यालय जमुहार सासाराम बिहार के कुलपति प्रो. एमके सिंह ने कहा कि भूकंपीय प्रक्रिया का प्रभाव इंसान के साथ ही अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है। ऐसे में भूकंप के पहले चेतावनी मिलने से इससे होने वाली क्षति को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

मुख्य अतिथि प्रो. एमके सिंह ने पुरातन रीति से भूकंप के अवधारणा को वर्तमान विज्ञान के संकल्पना एवं खोज को ही मानवीय विकास बताया। युवा विज्ञानियों को पूर्व चेतावनी के क्षेत्र में काम करके मानव समाज का कल्याण करना चाहिए।

आईआईटी रुड़की के भूकंप वैज्ञानिक प्रो. एमएल शर्मा ने वर्तमान में चल रहे भूकंप संवर्धन और भूकंप वैज्ञानिकों की ओर से तैयार की गई तकनीक के बारे में भी बताया। कहा कि उपग्रह द्वारा भूकंप जोन का पूर्वानुमान किया जा रहा है। आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक प्रो. एससी गुप्ता ने भूकंप विज्ञान के क्षेत्र में आईआईटी रुड़की में चल रहे अनुसंधान के बारे में बताया।