
ट्रिब्यून समाचार सेवा
निखिल भारद्वाज
लुधियाना, 5 जनवरी
अजीबोगरीब घटना में सिविल अस्पताल की मोर्चरी से कुछ अज्ञात लोगों द्वारा एक युवक का शव ले जाने के बाद मृतक के परिजन इस बात की खबर पाकर आग बबूला हो गए.
उन्होंने गुरुवार सुबह मदर एंड चाइल्ड केयर वार्ड, इमरजेंसी वार्ड और यहां तक कि वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की। घटना के बाद आक्रोशित परिजनों को शांत कराने के लिए भारी पुलिस बल के साथ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे.
जानकारी के अनुसार सलेम तबरी के पीरुबंदा मोहल्ले के आयुष सूद की किसी बीमारी के चलते मौत हो गई थी. उसके शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। बुधवार को सिविल अस्पताल में कुछ रहवासी अपने परिजन मनीष का शव लेने पहुंचे, लेकिन मनीष की जगह गलती से आयुष का शव ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
उन्होंने दाह संस्कार से पहले शव की जांच नहीं की। गुरुवार की सुबह जब आयुष के पिता राकेश सूद सिविल अस्पताल की मोर्चरी में शव लेने पहुंचे तो वह यह देखकर सन्न रह गए कि आयुष का शव कोई और ले गया है. आयुष के परिजन उग्र हो गए और उन्होंने अपने अन्य रिश्तेदारों को बुलाया जिन्होंने अस्पताल में तोड़फोड़ की।
एडिशनल डीसीपी रूपिंदर सरन ने कहा कि अस्पताल के अधिकारियों ने बुधवार को गलती से मनीष की जगह आयुष का शव उसके परिजनों को सौंप दिया। यहां तक कि मनीष के परिजनों ने भी नहीं देखा कि वे आयुष के शव को दाह संस्कार के लिए ले जा रहे हैं और उन्होंने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। एडीसीपी ने कहा, “इस बात की जांच की जा रही है कि मुर्दाघर के अधिकारियों ने आयुष का शव मनीष के परिजनों को कैसे सौंप दिया। हम इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।”
More Stories
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नवीन पदस्थापना
सदर अस्पताल के नये भवन का उद्घाटन, स्वास्थ्य मंत्री और सांसद-विधायक रहे नदारद
तारा शाहदेव यौन उत्पीड़न केस: रंजित कोहली ने गवाह पेश करने के लिए सीबीआई कोर्ट से मांगा समय