Ranchi : रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से पूरी तरह अलग हैं. झारखंड स्टेट बार काउंसिल के निर्देश पर वकीलों ने ख़ुद को कोर्ट की कार्यवाही से दूर रखा है. जिससे अदालत की कार्यवाही पर व्यापक असर देखने को मिल रहा है. RDBA के अध्यक्ष और महासचिव ने कार्य बहिष्कार की पूर्व संध्या ही ज़िला न्यायाधीश को पत्र लिखकर यह सूचना दे दी थी कि ज़िला न्यायालय में कोई भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य में शामिल नहीं होंगे. इसलिए पूर्व से सूचीबद्ध मामलों में किसी तरह की पीड़क कार्रवाई का आदेश पारित न किया जाये. वकीलों के न्यायिक कार्य से दूर रहने का खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है. कई फरियादी रांची के अलग अलग इलाक़ों से अपने केस की सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मायूस होकर वाला लौटना पड़ा.
कोर्ट फ़ीस और एडवोकेट एक्ट की मांग को लेकर कर रहे आंदोलन
रांची ज़िला बार संघ के महासचिव और झारखंड स्टेट बार काउंसिल के प्रवक्ता संजय विद्रोही ने वकीलों के कार्य बहिष्कार के निर्णय पर कहा है कि कोर्ट फ़ीस और एडवोकेट एक्ट की मांग को लेकर राज्य भर के वकील एकजुट हैं. और यह कार्य बहिष्कार का यह सिलसिला कल यानी शनिवार को भी जारी रहेगा. इसके साथ ही सिविल कोर्ट के वकील इस मूड में हैं कि यह लड़ाई मांगे पूरी होने तक जारी रखी जाए.
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