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भोजपत्र पर लिखे गए थे वेद और पुराण: वेद और पुराण लिखे गए

भोजपत्र पर लिखे जाते थे वेद और पुराण: Vedas and Puranas were written on Bhojpatra

पुरातनकाल में जब लिखने के लिए कागज का आविष्कार नहीं हुआ था, तब वेदों और पुराणों की रचना विषेशकर भोज, ताड़ पत्र, तामरा पत्र पर लिख दी गई थी। मंदिरों के ढाँचे पर भी प्राचीन शिलाएँ पाई जाती हैं। भोजपत्र का एक ऐसा दुर्लभ पत्र है जो हिमालय की तराई के घने जंगलों से प्राप्त किया गया था।

आध्यात्मिक नगरी देवघर के एक नर्सरी में भोजपत्र का दुर्लभ पेड़ प्राचीन भारत की समृद्ध विरासत को फिर से जीवित करने का प्रयास अब कर रहा है।

भोज के पत्र को हिमाचल से लाकर यहां दिया गया है। इस संयंत्र की विशेषता यह है कि यह किसी भी स्थान पर नौसिखियों पर गड्ढा बन जाता है। और परत दर परत इसके अतिरिक्त निकाले जा सकते हैं।

भोज में लिखा गया कोई भी चीज हजारों साल तक रहता है। उस काल के विक्रमशिला, मिथिला, नालंदा या अन्य विश्वविद्यालय में भोजपत्र पर लिखे अनगिनत ग्रंथ थे, जिन्हें विदेशी आक्रमण के दौरान नष्ट कर दिया गया था। बाद में भोजपत्र पर कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को ब्रिटिश राज में लिखा गया और इसे उठा कर जर्मनी ले जाया गया जो आज भी वहां के म्यूनिक पुस्तकालय में सुरक्षित है।