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सलीम-शोहराब-रुस्तम गैंग के शूटर ने मारी थी सुषमा 

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Ranchi: सुषमा बड़ाइक गोली कांड में दानिश रिजवान के साथ पुलिस ने दो शूटरों को भी गिरफ्तार किया है. यूपी के सलीम-शोहराब-रुस्तम गैंग शूटर फरहान और मुद्दसिर ने सुषमा को गोली मारी थी. पूछताछ के दौरान शूटर फरहान ने बताया कि ”वह कई वर्षों से सलीम-शोहराब-रुस्तम गैंग का सक्रिय सदस्य है और लखनऊ में कई संगीन वारदातों को अंजाम दे चुका है. साल 2020 में उसकी बहन अमरीन की शादी आरा, बिहार के रहने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान के साथ हुई थी. दो-तीन महीने पहले उसकी बहन अमरीन एवं बहनोई दानिश रिजवान उसके घर लखनऊ आए थे. जहां पर मुझे मेरे बहनोई दानिश रिजवान के द्वारा बताया गया कि रांची की रहने वाली एक महिला सुषमा बड़ाइक उर्फ पद्मा बड़ाइक जिसने झारखंड के आईजी, आईपीएस नटराजन समेत कई लोगों के विरुद्ध यौन-शोषण और दुष्कर्म के मुकदमें दर्ज कराए हैं, वह मेरे ऊपर भी यौन-शोषण करने के आरोप में केस दर्ज कराने का प्रयास कर रही है. जिस संबंध में उच्च न्यायालय रांची में पिटीशन भी दाखिल की है, जिसमें सुषमा बड़ाइक द्वारा मेरे ऊपर आरोप लगाया जा रहा है कि उसके बेटे का पिता मैं हूं.

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दानिश ने दी थी हत्या की सुपारी

फरहान ने पूछताछ में बताया ”मेरे बहनोई दानिश ने सुषमा की हत्या करवाने के लिए रुपये का ऑफर दिया व हथियार, गाड़ी की व्यवस्था भी कराने के लिए भी कहा, तो मैं इस काम को करने के लिए तैयार हो गया. मैंने अपने बहनोई दानिश की मुलाकात अपने दोस्त मुद्दसिर जो कि बाजारखाला के पास का रहने वाला है और गुड्डु उर्फ उमर जो बारुद खाना, चिकमन्डी, लखनऊ का रहने वाला से कराई, और वहीं पर हम लोगों ने सुषमा को मारने का प्लान बनाया. कुछ दिनों बाद दानिश ने मुझे पटना बुलाया, जहां पर मुझे दानिश रिजवान के द्वारा दो पिस्टल और 12 कारतूस व लगभग 30 हजार रुपये दिए गए. साथ ही सुषमा बड़ाइक की फोटो आदि उपलब्ध कराई गयी. मैं पिस्टल व 12 कारतूस लेकर लखनऊ आ गया. इसके बाद मैं 22 नवंबर 2022 को रांची, गुड्डु उर्फ उमर के साथ गया, जहां पर दानिश रिजवान के द्वारा मुझे सुषमा बड़ाइक के प्लाजा चौक के पास वाले घर और हरमू चौक के पास स्थित घर का पता बताया. मैं और गुड्डू दोनों वहां जाकर अच्छे से रेकी कर हर एक जगह को समझ कर वापस लखनऊ आ गए. फिर कुछ दिन बाद मैंने गुड्डू को 12 हजार रुपये दिये व एक मोटरसाइकिल की व्यवस्था करने को कहा, जिससे रांची में जाकर ये काम आसानी से किया जा सके. गुड्डू के द्वारा चोरी की एक मोटरसाइकिल की व्यवस्था की गई. जिस पर फर्जी नंबर लगाकर गुड्डू द्वारा बायरोड लखनऊ से रांची ले जाया गया. मैं और मुद्दसिर बस द्वारा 5 दिसंबर को पहुंचे. घटना करने के बाद हमें कोई ट्रेस न कर सके इसलिए हम तीनों लोग अपने मोबाइलों को लखनऊ में ही बंद करके आए थे.”फरहान ने बताया कि ”5 से 12 दिसंबर तक हम लोगों ने कई बार सुषमा को मारने का प्रयास किया, लेकिन सफल न हो सके. 12 दिसंबर को दानिश रिजवान के द्वारा मुझे बताया गया कि 13 दिसंबर को सुषमा किसी केस के सिलसिले में हाईकोर्ट जाने वाली है. जिसके बाद उसे गोली मारकर हमलोग फरार हो गए.

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