Ranchi : सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने पारसनाथ पर्वत को जैन समाज के लिए तीर्थ स्थल घोषित किया है. इस पर ज्यादा हक आदिवासियों का है. संथाल समाज का है. मरांगबुरु पारसनाथ आदिवासियों का सबसे बड़ा ईश्वरीय स्थान है. इसे बचाने के लिए राज्य भर के आदिवासी को एकजुट किया जाएगा. इसे हर हाल में लड़ कर लेंगे. इसे बचाने के लिए पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा. वे रविवार को मोरहाबाद में मीडिया को संबोधित कर रहे थे.
झारखंड सरकार के पास 90 प्रतिशत नौकरियां
सालखन ने कहा कि राज्य के शिक्षित युवाओं में रोजगार को लेकर आक्रोश है. झारखंड सरकार के पास 90 प्रतिशत नौकरियां हैं. इसमें सरकारी और गैर सरकारी नौकरियां शामिल हैं. झारखंड में प्रखंड वाइज नियोजन नीति बनाकर सरकार लागू कर सकती है. प्रखंड वार कोटा बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों के 90 प्रतिशत युवाओं को नौकरियां दे सकती है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार का 1932 खतियान राज्य में कभी लागू नहीं हो सकती है. यह राजनितिक स्टैंड है. सरकार वोट बटोरने के लिए काम कर रही है.
सरकार को ठोस निर्णय लेना होगा
सालखन ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार 2024 से पहले आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू नहीं करती है, तो आदिवासियों से एक भी वोट नहीं ले पायेयी. कुरमी को आदिवासी बनाया तो यह असली आदिवासियों के लिए फांसी के फंदे जैसा होगा. असली आदिवासियों का नामोनिशान मिट जाने जैसा होगा. सरकार को ठोस निर्णय लेना होगा.
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