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कमबैक करना चाहते हैं जीनत अमान, कहा- उम्र के होश से रोल मिले तो खुशी से करूंगी

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Ideas of India 2023: एबीपी नेटवर्क के कोड ऑफ इंडिया स्मिट 2023 में आशा पारोस और जीनत अमान शामिल हुए। इस दौरान दोनों सितारों ने कई सवालों के संजीदगी से जवाब दिया। जीनत अमान ने बताया कि वह एक बार फिल्मों में कमबैक करना चाहते हैं लेकिन अपनी उम्र के हिसाब से रोल करना चाहिए तो बेहतर होगा।

इस तरह के रोल करना चाहते हैं जीनत अमान

स्मिट के दौरान जीनत अमान से पूछा गया कि ऐसा कोई रोल जिसे देखकर आपको लगा होगा कि काश मैंने ये किया? इसके जवाब में जीनत अमान ने कहा, ‘ऐसा कोई रोल नहीं है। मुझे जो कुछ भी मिला मैंने खुशी-खुशी किया। कुछ अच्छे थे तो कुछ अच्छे नहीं थे और मेरी ऐसी कुछ ख्वाहिश है भी नहीं लेकिन अगर कोई रोल मिला तो करना चाहूंगी। अगर अब उम्र के होश से रोल मिल जाए तो मैं खुशी-खुशी कर लूंगी। एक कलाकार की रचना कभी खत्म नहीं होती।’

वहीं, आशा पारो से पूछा गया कि वह अब भी फिल्मों में क्या काम करना चाहती हैं? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘अब काम नहीं करुंगी, मैंने बहुत काम किया। कार्य किया। थिएटर भी चलता है। अब कुछ नहीं करना। अब आराम करना है।’

तो फिर क्यों हैं सेंसर बोर्ड
आशा पारो से शाहरुख खान की फिल्म पठान को हुए विवाद पर उनका नजरिया पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा, ‘आपने बड़ा कॉन्ट्रोवर्शियल सवाल पूछा है। पहली बात ये है कि पठान को सेंसर्ड नहीं किया गया था। YouTube पर केवल इसके गाने आ गए थे। अब सेंसर बोर्ड क्यों हैं, यदि आप सेंसरशिप करने वाले हैं। फिर सेंसर बोर्ड का कोई मतलब नहीं रहता।’

घर पर बच्चों की सेंसरशिप शुरू की जानी चाहिए

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं ये सोचती हूं कि सेंसर बोर्ड जब है, तो उसे ज्यादा सेंसर बोर्ड घर पर होना चाहिए। मां-बाप को सेंसर बोर्ड होना चाहिए। क्योंकि क्या बच्चा देख रहे हैं, क्या नहीं देख रहे हैं। इंटरनेट है और हर तरह की सुविधा है तो अगर मां-बाप नहीं देखते कि क्या देख रहे हैं बच्चे, तो सेंसर का मतलब मुझे समझ में नहीं आता’.

मर जाऊँगा फिल्म उद्योग

आशा पारो ने कहा, ‘पठान के लिए ये गलत हो रहा है क्योंकि पहली बात ये है कि हमारी इस इंडस्ट्री का बुरा समय से गुजर रहा है। तो अगर फिल्में नहीं लगेंगी। तो मंदा मर जाएगा। लोग एक फिल्म के लिए कितने काम करते हैं। उनकी रोजी-रोटी सब चले जाएंगे। अगर आप हर फिल्म को बैन कर देंगे तो फिर हम लोगों का क्या होगा. मुझे दुख होता है कि ऐसी चीजें नहीं जाननी चाहिए।

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