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प्रेमिका के साथ मिलकर सात लोगों को उतार दिया मौत के घाट….

उत्तर प्रदेश के चर्चित बावनखेड़ी नरसंहार का आरोपी सलीम नैनी सेंट्रल जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में इन दिनों अपना समय काट रहा है। उसका झुकाव राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, मुंशी प्रेमचंद्र और जयशंकर प्रसाद की रचनाओं की तरफ बढ़ा है। जेल में वह बड़े साहित्यकारों की ज्यादातर किताबें पढ़ चुका है। उसे धार्मिक ग्रंथ कुरान भी उपलब्ध कराई गई है। सलीम और उसकी प्रेमिका शबनम को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। सलीम ने प्रेमिका के साथ मिलकर उसके परिवार के सात लोगों को निर्ममता से मौत के घाट उतारा था।
नैनी जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में शिफ्ट किए जाने के बाद सलीम का किताबों के प्रति झुकाव बढ़ा है और वह समय काटने केलिए किताबें पढ़ रहा है। उसकी मांग पर उसे पुस्तकालय में मौजूद किताबें उपलब्ध करा दी जाती हैं। प्रभारी डीआईजी जेल प्रेम नाथ पांडेय ने बताया जेल के पुस्तकालय में मुंशी प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर, जयशंकर प्रसाद सहित अन्य रचनाकारों की लगभग छह हजार कृतियां हैं। जेल मैनुअल के अनुसार पुस्तकालय में उपलब्ध किताबें बंदियों की मांग के अनुसार उन्हें दी जाती है।
जेल अधीक्षक पर लिखी थी शायरी
सलीम ने पूर्व में वरिष्ठ जेल अधीक्षक हरिबक्श सिंह को लेकर चार दर्जन से अधिक शायरी लिखीं। जिसको प्रकाशित कराने के लिए उसने अनुरोध भी किया था। वह अक्सर अपनी शायरी जेल अधिकारियों को पढ़ने के लिए भेजता रहता है।परिजन से नहीं अपने वकील से करता है बातपरिजनों द्वारा मुंहमोड़ लेने के बाद सलीम भी उन्हें भूल चुका है। वह अब केवल अपने वकील से ही बात किया करता है। पिछले दो साल से उसकी कोई मुलाकात नहीं हुई है। नैनी जेल आने के बाद उसके पिता उससे मिलने आया करते थे, जिन्होंने बाद में आना बंद कर दिया।
यह था मामला
14/15 अप्रैल 2008 की रात अमरोहा जनपद के हसनपुर थानाक्षेत्र के गांव बावनखेड़ी में प्रेमी सलीम के साथ मिलकर मास्टर शौकत अली की बेटी शबनम ने अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। हत्या का शिकार होने वालों में शबनम के पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस और राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया थे, जिनके गले कुल्हाड़ी से काटे गए थे, जबकि शबनम के मासूम भतीजे अर्श की गला दबाकर हत्या की गई थी। दरअसल, शबनम और सलीम एक दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन शबनम के परिवार को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। शबनम ने दो विषयों में मास्टर डिग्री ले रखी थी। वो एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका थी।

उत्तर प्रदेश के चर्चित बावनखेड़ी नरसंहार का आरोपी सलीम नैनी सेंट्रल जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में इन दिनों अपना समय काट रहा है। उसका झुकाव राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, मुंशी प्रेमचंद्र और जयशंकर प्रसाद की रचनाओं की तरफ बढ़ा है। जेल में वह बड़े साहित्यकारों की ज्यादातर किताबें पढ़ चुका है। उसे धार्मिक ग्रंथ कुरान भी उपलब्ध कराई गई है। सलीम और उसकी प्रेमिका शबनम को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। सलीम ने प्रेमिका के साथ मिलकर उसके परिवार के सात लोगों को निर्ममता से मौत के घाट उतारा था।