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माफिया दिलीप मिश्रा के इस विरोधी की हत्या करने आए थे मुन्ना बजरंगी के शूटर

दो दिन पहले मुठभेड़ में मारे गए मुन्ना बजरंगी के शूटर वकील पांडेय और अमजद जिले के माफिया डॉन दिलीप मिश्रा के विरोधी की हत्या करने आए थे। उन्होंने इसकी पूरी प्लानिंग भी कर ली थी। यह सूचना एसटीएफ को मुखबिर से मिली थी जिसके बाद अफसरों के होश उड़ गए थे। आननफानन में टीम ने रात में ही घेराबंदी शुरू की और मुठभेड़ कर शूटरों की प्लानिंग फेल कर दी।
सूत्रों का कहना है कि कुख्यात वकील व अमजद के जिले में होने संबंधी इनपुट एसटीएफ को पिछले एक हफ्ते से मिल रहे थे। लेकिन अफसरों के कान तब खड़े हुए जब तीन फरवरी की रात एक बेहद चौंका देने वाली जानकारी मिली। मुखबिर की ओर से बताया गया कि पूर्वांचल के माफिया जगत में कुख्यात व मुन्ना बजरंगी के दोनों शूटर दिलीप मिश्रा के विरोधी की हत्या करने के लिए जाने वाले हैं।
यह सूचना मिलते ही अफसरों ने नैनी के अरैल में पहुंचकर घेराबंदी कर ली। जिसके बाद मुठभेड़ में दोनों ढेर हो गए। फिलहाल इसका पता नहीं चल सका है कि शूटरों के निशाने पर दिलीप का कौन सा विरोधी था। दरअसल माफिया डॉन के कई विरोधी हैं जिनमें से आरएसएस नेता व सपा नेता की तो उसने पिछले साल ही हत्या की सुपारी भी दी थी। वह कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्त नंदी पर भी हमले का आरोपी है। चुनावी रंजिश में भी उसने अपने कई दुश्मन बना रखे हैं। मामले में एसटीएफ अफसरों का सिर्फ इतना ही कहना है कि दोनों शूटर जिले में बड़ी वारदात करने की फिराक में थे। पुलिस की विवेचना में सामने आएगा कि उनके निशाने पर कौन था।
बरौत निवासी व्यक्ति की बाइक पर सवार थे शूटर
सूत्रों का कहना है कि मुठभेड़ के दौरान दोनों शूटर जिस बाइक पर सवार थे, वह हंडिया के बरौत स्थित चूड़िहारी टोला निवासी एक व्यक्ति की थी। टीवीएस कंपनी की यह अपाचे बाइक 2018 में खरीदी गई थी। नैनी पुलिस उसका पता लगाने में जुटी है। पुलिस का कहना है कि उसके पकड़े जाने के बाद ही पता चल सकेगा कि शूटरों तक उसकी बाइक कैसे पहुंची।
शूटरों की 11 गोलियों पर भारी पड़ी जवानों के आठ फायर
नैनी में सोमेश्वर मंदिर तिराहे के पास हुई मुठभेड़ के दौरान शूटरों की 11 गोलियों पर एसटीएफ जवानों के आठ फायर भारी पड़ गए। दरअसल ललकारने पर यूपी के साथ ही झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बने वकील व अमजद ने 9 एमएम व .30 बोर की दो पिस्टलों से एसटीएफ के जवानों को निशाना बनाकर एक के बाद एक ताबड़तोड़ 11 फायर झोंके थे। उधर आत्मरक्षार्थ की गई फायरिंग में एसटीएफ के डिप्टी एसपी नवेंदू सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों की ओर से कुल आठ गोलियां दागी गईं। इस तरह एसटीएफ के जवानों की आठ गोलियां पूर्वांचल के लिए डेढ़ दशक से आतंक का पर्याय बने दोनों शूटरों की 11 गोलियों पर भारी पड़ गईं।

दो दिन पहले मुठभेड़ में मारे गए मुन्ना बजरंगी के शूटर वकील पांडेय और अमजद जिले के माफिया डॉन दिलीप मिश्रा के विरोधी की हत्या करने आए थे। उन्होंने इसकी पूरी प्लानिंग भी कर ली थी। यह सूचना एसटीएफ को मुखबिर से मिली थी जिसके बाद अफसरों के होश उड़ गए थे। आननफानन में टीम ने रात में ही घेराबंदी शुरू की और मुठभेड़ कर शूटरों की प्लानिंग फेल कर दी।

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