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Editorial :- नेहरू शेख अब्दुल्ला द्वारा पैदा किये गये कश्मीर मसले को कर देंगे खत्म पीएम मोदी

12 April 2019

इंडिया टीवी के आप की अदालत कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट रूप से कहा कि कश्मीर हमेशा भारत का हिस्सा रहा है और रहेगा। और सरदार पटेल की तरह, जिन्होंने भारतीय संघ में 542 रियासतों का विलय किया था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निश्चित रूप से कश्मीर के मसले को खत्म कर देंगे।Ó

अपनी उक्त बात को फडनवीस जी ने विस्तार से नहीं समझाया था। मोदी जी कश्मीर के मसले को कैसे खत्म करेंगे यही इस संपादकीय की विषयवस्तु है।

पंडित नेहरू और शेख अब्दुल्ला एक दूसर के उसी प्रकार सेे पर्यायवाची थे जैसे कि जुड़वा भाई होते हैं।

आज जो पीओके है उसको भी पंडित नेहरू ने ही पाकिस्तान को गिफ्ट किया था। शेख अब्दुल्ला के इशारे पर ही दो निशान, दो प्रधानमंत्री कश्मीर के लिये समस्या के रूप में पंडित नेहरू ने हमें सौंपा था। पंडित नेहरू ने कहा था कि ३७० धारा स्थाई नहीं है धीरेधीरे वह अपने आप मिट जायेगी।

सरदार पटेल की महानतम देन थी 562 छोटीबड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना। विश्व के इतिहास में एक भी व्यक्ति ऐसा हुआ जिसने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण करने का साहस किया हो। 5 जुलाई 1947 को एक रियासत विभाग की स्थापना की गई थी।

जहां तक कश्मीर रियासत का प्रश्न है इसे पंडित नेहरू ने स्वयं अपने अधिकार में लिया हुआ था, परंतु यह सत्य है कि सरदार पटेल कश्मीर में जनमत संग्रह तथा कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाने पर बेहद क्षुब्ध थे। नि:संदेह सरदार पटेल द्वारा यह 562 रियासतों का एकीकरण विश्व इतिहास का एक आश्चर्य था। भारत की यह रक्तहीन क्रांति थी। महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को इन रियासतों के बारे में लिखा था, “रियासतों की समस्या इतनी जटिल थी जिसे केवल तुम ही हल कर सकते थे।

भाजपा संकल्प पत्र: 35 और 370 को खत्म करने, घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी का वादा

आज अमित शाह में दिये गये भाषण में भी भाजपा के उच्च संकल्प को दोहराया है।

यदि २०१९ के लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार पुन: बनी तो निश्चित रूप से भाजपा के उक्त संकल्प को कार्यरूप में परिणीत कर नरेन्द्र मोदी कश्मीर के मसले को हर हमेशा के लिये हल कर देंगे।

इंदिरा गांधी जी को भी यह अवसर मिला था जब उन्होंने पाकिस्तान से बंग्लादेश को अलग कर दिया था। उस बंगलादेश लिब्रेशन वार की समाप्ति के बाद पाकिस्तान के लाख सैनिक गिरफ्तार हुए थे। भुट्टो और इंदिरा गांधी के बीच समझौता वार्ता भी हुई थी। उस समझौता वार्ता के समय गिरफ्तार लाख पाक सैनिकों के रिहाई की ऐवज में पीओके को वापस लिया जा सकता था।

अतएव पंडित नेहरू ने शेख अब्दुल्ला के झांसे में आकर जो कश्मीर समस्या पैदा की गई थी और उस समस्या को इंदिरा गांधी सुलझाने में चूंक गई थी उस कश्मीर मसले को यदि मोदी सरकार पुन: बनीं तो पीएम मोदी कश्मीर मसले को हर हमेशा के लिये खत्म कर देंगे।