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पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व राज्यपाल जस्टिस अंशुमान सिंह

पूर्व राज्यपाल अंशुमान सिंह (फाइल फोटो)
– फोटो : prayagraj

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इलाहाबाद और राजस्थान हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति और गुजरात तथा राजस्थान के पूर्व राज्यपाल जस्टिस अंशुमान सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को दिन में रसूलाबाद घाट पर किया गया। मुखाग्नि उनके छोटे बेटे अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह ने दी। जस्टिस अंशुमान सिंह का सोमवार तड़के चार बजे लखनऊ के पीजीआई में इलाज के दौरान निधन हो गया था। अंतिम संस्कार के मौके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के कई न्यायमूर्ति, अधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता और शहर के गणमान्य नागरिक श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। 
जस्टिस अंशुमान सिंह का जन्म 07  जुलाई1935 को इलाहाबाद में हुआ था। विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने वर्ष- 1957 से जिला न्यायालय, इलाहाबाद में वकालत प्रारम्भ की। वर्ष-1968 से उन्होंने दीवानी के मामलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत प्रारम्भ की। वर्ष 1976 में वह उ0प्र0 सरकार के स्थायी अधिवक्ता बने।  वर्ष- 1984 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायधीश बनाए गए।
जस्टिस अंशुमान सिंह ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय दिए हैं। वर्ष 1994 में  वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में राजस्थान हाईकोर्ट में स्थानांतरित होकर गए। अवकाश प्राप्त करने के बाद 17 अप्रैज1998 को  वह गुजरात के राज्यपाल बने। इसके बाद 16 जनवरी1999 से 13.मई 2003 तक राजस्थान के राज्यपाल रहे।
उनके निधन पर जूनियर लायर्स एसोसिएशन के मिथिलेश कुमार तिवारी, जीपी सिंह, योगेंद्र कुमार यादव, हाईकोर्ट कर्मचारी संघ के शेख मो. अतहर, हाईकोर्ट कर्मचारी संघ के महासचिव बृजेश कुमार शुक्ल सहित तमाम लोगों ने शोक व्यक्त किया है।
पूर्व राज्यपाल की अंत्योष्टि में देर से पहुंचे अफसर 
पूर्व राज्यपाल अंशुमान की अंत्योष्टि में भी जिला प्रशासन के अफसर समय से नहीं पहुंच पाए। चिता को अग्नि देने के बाद एसडीएम सदर तथा अन्य अफसर पहुंचे। हालांकि अफसरों का कहना है कि उन्हें सूचना ही देरी से मिली और जानकारी होते ही एसडीएम तथा अन्य अफसर घाट पर पहुंच गए। 

इलाहाबाद और राजस्थान हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति और गुजरात तथा राजस्थान के पूर्व राज्यपाल जस्टिस अंशुमान सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को दिन में रसूलाबाद घाट पर किया गया। मुखाग्नि उनके छोटे बेटे अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह ने दी। जस्टिस अंशुमान सिंह का सोमवार तड़के चार बजे लखनऊ के पीजीआई में इलाज के दौरान निधन हो गया था। अंतिम संस्कार के मौके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के कई न्यायमूर्ति, अधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता और शहर के गणमान्य नागरिक श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। 

जस्टिस अंशुमान सिंह का जन्म 07  जुलाई1935 को इलाहाबाद में हुआ था। विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने वर्ष- 1957 से जिला न्यायालय, इलाहाबाद में वकालत प्रारम्भ की। वर्ष-1968 से उन्होंने दीवानी के मामलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत प्रारम्भ की। वर्ष 1976 में वह उ0प्र0 सरकार के स्थायी अधिवक्ता बने।  वर्ष- 1984 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायधीश बनाए गए।

prayagraj news : पूर्व राज्यपाल अंशुमान सिंह को मुखाग्नि देते उनके पुत्र।
– फोटो : prayagraj

जस्टिस अंशुमान सिंह ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय दिए हैं। वर्ष 1994 में  वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में राजस्थान हाईकोर्ट में स्थानांतरित होकर गए। अवकाश प्राप्त करने के बाद 17 अप्रैज1998 को  वह गुजरात के राज्यपाल बने। इसके बाद 16 जनवरी1999 से 13.मई 2003 तक राजस्थान के राज्यपाल रहे।

उनके निधन पर जूनियर लायर्स एसोसिएशन के मिथिलेश कुमार तिवारी, जीपी सिंह, योगेंद्र कुमार यादव, हाईकोर्ट कर्मचारी संघ के शेख मो. अतहर, हाईकोर्ट कर्मचारी संघ के महासचिव बृजेश कुमार शुक्ल सहित तमाम लोगों ने शोक व्यक्त किया है।
पूर्व राज्यपाल की अंत्योष्टि में देर से पहुंचे अफसर 
पूर्व राज्यपाल अंशुमान की अंत्योष्टि में भी जिला प्रशासन के अफसर समय से नहीं पहुंच पाए। चिता को अग्नि देने के बाद एसडीएम सदर तथा अन्य अफसर पहुंचे। हालांकि अफसरों का कहना है कि उन्हें सूचना ही देरी से मिली और जानकारी होते ही एसडीएम तथा अन्य अफसर घाट पर पहुंच गए।