Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Sultanpur News: चार दशक तक कागजों में चलता रहा स्कूल, प्राइमरी से लेकर 12वीं तक की दे दी गई मान्यता

हाइलाइट्स:पहले एक भवन को दर्शाकर ली गई 5वीं तक की मान्यता40 वर्षों तक स्कूल को सरकारी योजनाओं का मिलता रहा लाभ डीएम के संज्ञान लेने पर मामले का हुआ पर्दाफाशसुलतानपुरबीजेपी सांसद मेनका गांधी के संसदीय क्षेत्र सुलतानपुर में चार दशक तक एक स्कूल कागजों पर संचालित होता रहा है। प्राइमरी से लेकर जूनियर हाईस्कूल और फिर हाईस्कूल से लेकर इंटर कॉलेज तक की उसे मान्यता शिक्षा विभाग के अधिकारी देते रहे। भ्रष्टाचार का आलम ये कि इतने लंबे अंतराल में करोड़ों रुपये सरकारी धन भी स्कूल के मद में दिए गए। शहर के संत तुलसीदास स्कूल का मामलावैसे इस मामले से पर्दा तब उठा जब नगर पालिका अध्यक्ष व डीएम ने स्कूल की संपत्ति बताकर कब्जा कर रहे कथित स्कूल संचालकों व शिक्षा विभाग से स्कूल की वैधता के कागजात तलब किए। दरअसल, ये मामला शहर के रामलीला मैदान ग्राउंड पर स्थित रामलीला स्कूल से जुड़ा है। पूरे प्रकरण में डीएम रवीश गुप्ता के स्वयं संज्ञान लेने के बाद मामला प्रकाश में आया। सन 1972 में अफसरों को प्रभाव में लेकर सुलतानपुर के रामलीला मैदान में कुछ शिक्षा माफिया ने संत तुलसीदास बेसिक स्कूल के नाम से अनधिकृत तौर पर पांचवीं कक्षा तक स्कूल की शुरुआत की। लेकिन कुछ सालों के अंदर बगैर जांच किए शिक्षा विभाग ने इसे ‘एडेड’ करके आठवीं कक्षा तक की मान्यता दे डाली। कुछ साल बीते तो इसे दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए अफसरों ने हाईस्कूल भी बना दिया। हकीकत ये कि सबकुछ कागजों पर ही होता रहा। यही नहीं शासन से इन वर्षों में करोड़ो रुपये सरकारी धन भी लिए गए हैं। डीएम ने एडीएम को दिए जांच के आदेशयही नहीं, हद तब हो गई जब माध्यमिक शिक्षा विभाग की शह पर स्कूल से इसे इंटरमीडिएट कॉलेज बना दिया गया। इस गड़बड़ झाले से पर्दा तब उठा जब इसकी जमीन पर आनन-फानन में मार्केट बनने लगी। जिस पर नगर पालिका अध्यक्ष बबिता जायसवाल ने डीएम रवीश गुप्त से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया। डीएम ने एडीएम उमाकांत त्रिपाठी को जांच सौंप दी। तब पता चला कि स्कूल को कागज में शहर से दूर करौंदिया देहात के एक भूखंड पर विद्यालय भवन दर्शाकर मान्यता ली गई है। डीआईओएस वीपी सिंह व बीएसए दीवान सिंह यादव ने लिखित रूप से इस बात को स्वीकार किया है।

You may have missed