अयोध्यारामनगरी अयोध्या से संतों ने कैलाश मानसरोवर व शारदा पीठ की मुक्ति के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है। मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व कर रहे शारदा पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अनंतानंद देव का दर्द छलक उठा। उन्होंने कहा कि पीओके में स्थित शारदा पीठ में हम लोगों को पूजा पाठ की अनुमति मिलनी चाहिए।’दो-दो बार पास हुए प्रस्ताव पर नहीं हुई कोई कार्रवाई’अयोध्या पहुंचे शंकराचार्य स्वामी अनंतानंद देव ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित शारदा पीठ हमारा आंतरिक हिस्सा है। जिसको हम लोग वापस लेकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने संसद में दो-दो बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पास किया गया। लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि वर्तमान की केंद्र सरकार के प्रयास से पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित शारदा पीठ में सभी हिंदुओ को पूजा-पाठ की अनुमति मिल सकेगी।आरटीआई में भारत सरकार ने ये दिया जवाबशंकराचार्य स्वामी अनंतानंद देव ने बताया कि एलओसी पर सेना के भेष में कुछ कबाइलियों ने जो हिस्सा कब्जा कर लिया था। बाद में उसी को एलओसी मान लिया गया। उन्होंने बताया कि कश्मीर का 48 प्रतिशत हिस्सा पाकिस्तान के अनाधिकृत कब्जे में है। जिसको वो आजाद कश्मीर कहते हैं। मूल समस्या यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच इंडिया पाकिस्तान रिजल्ट रन प्रोटोकॉल 4 नवम्बर 1974 में एग्रीमेंट हुआ था। उस प्रोटोकॉल में पाकिस्तान व हिंदुस्तान के तीर्थ स्थलों की सूची दी गई थी कि दोनों देशों के लोग वहां आ-जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले को भारत सरकार से आरटीआई में जवाब आया कि यह संभव नहीं है।
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