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काशी में लगेगी धर्म संसद, चारों पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्य सहित तीन सौ से अधिक धर्माचार्य

शास्त्रों में धर्मपरायण शासन की व्यवस्था पर मंथन के लिए काशी में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। धर्माचार्यों की संसद में चारों पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्य सहित देश भर के तीन सौ से अधिक धर्माचार्य शामिल होंगे। तीन दिवसीय आयोजन में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। आनंदवन विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की बैठक में सोमवार को यह निर्णय लिया गया।सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी की अध्यक्षता में ट्रस्ट की बैठक में आनंदवन महोत्सव की रूपरेखा निर्धारित हुई। तीन दिवसीय आयोजन के पहले दिन शिवयज्ञ का अनुष्ठान होगा। इसमें 25 कुंडों में सवा सौ ब्राह्मणों द्वारा आहुतियां अर्पित की जाएंगी। दूसरे दिन धर्म संसद और तीसरे दिन सांस्कृतिक आयोजनों को समर्पित रहेगा।तीन दिवसीय धर्म संसद का आयोजन नवंबर के दूसरे सप्ताह में आयोजित किया गया है। बैठक में तय किया गया कि धर्म संसद में चारों पीठों के शंकराचार्यों को आमंत्रित करने के लिए काशी के पांच-पांच विद्वानों का दल एक साथ चारों पीठों के लिए प्रस्थान करेगा। डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि धर्म संसद में सभी अखाड़ों से महामंडलेश्वरों को आमंत्रित किया जाएगा। अखाड़ों को आमंत्रित करने के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित करने का प्रस्ताव पारित हुआ। समिति में काशी के विद्वानों को शामिल किया जाएगा।
विद्वानों की सहमति मिलते ही समिति के सदस्यों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य को आमंत्रित करने वाले विद्वानों की समिति गठित करने के लिए पं. वाचस्पति तिवारी और मनोज शर्मा को संयोजक बनाया गया है। अखाड़ों से संपर्क के लिए गठित की जाने वाली कमेटी का संयोजक संजीव रत्न मिश्र एवं हिमांशु राज को बनाया गया है।ये अखाड़े होंगे शामिलधर्मसंसद में श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा, श्री पंचायती अटल अखाड़ा, तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा, पंचायती आनंद अखाड़ा, पंचदशनाम जूना अखाड़ा, पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, पंच अग्नि अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय पंच निर्मोही अखाड़ा, श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण और पंचायती निर्मल अखाड़ा के प्रधानों को आमंत्रित किया जाएगा।

शास्त्रों में धर्मपरायण शासन की व्यवस्था पर मंथन के लिए काशी में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। धर्माचार्यों की संसद में चारों पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्य सहित देश भर के तीन सौ से अधिक धर्माचार्य शामिल होंगे। तीन दिवसीय आयोजन में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। आनंदवन विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की बैठक में सोमवार को यह निर्णय लिया गया।

सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी की अध्यक्षता में ट्रस्ट की बैठक में आनंदवन महोत्सव की रूपरेखा निर्धारित हुई। तीन दिवसीय आयोजन के पहले दिन शिवयज्ञ का अनुष्ठान होगा। इसमें 25 कुंडों में सवा सौ ब्राह्मणों द्वारा आहुतियां अर्पित की जाएंगी। दूसरे दिन धर्म संसद और तीसरे दिन सांस्कृतिक आयोजनों को समर्पित रहेगा।

तीन दिवसीय धर्म संसद का आयोजन नवंबर के दूसरे सप्ताह में आयोजित किया गया है। बैठक में तय किया गया कि धर्म संसद में चारों पीठों के शंकराचार्यों को आमंत्रित करने के लिए काशी के पांच-पांच विद्वानों का दल एक साथ चारों पीठों के लिए प्रस्थान करेगा। डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि धर्म संसद में सभी अखाड़ों से महामंडलेश्वरों को आमंत्रित किया जाएगा। अखाड़ों को आमंत्रित करने के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित करने का प्रस्ताव पारित हुआ। समिति में काशी के विद्वानों को शामिल किया जाएगा।