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कसा शिकंजा : बच्ची की मौत के मामले में यूनाइटेड अस्पताल की मिली लापरवाही

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तीन वर्ष की बच्ची खुशी की मौत के मामले में यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल की लापरवाही पाई गई है। इसके अलावा मामले में चिल्ड्रेन अस्पताल के कर्मचारियों की भी लापरवाही सामने आई है। जांच कमेटी ने इसे लेकर यूनाइटेड अस्पताल प्रशासन को नोटिस भेजकर पूछा है कि क्यों न आपके के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए। अस्पताल प्रशासन से सात दिनों में जवाब मांगा गया है।बच्ची की आंत में इंफेक्शन था, जिसके बाद उसे यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसका दो बार ऑपरेशन किया गया, लेकिन पस का रिसाव नहीं रुका। आगे के इलाज के लिए बच्ची को तीन मार्च को चिल्ड्रेन अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन परिजन खुद ही बच्ची को ले गए। इधर-उधर भटकने के बाद वे पांच मार्च को बच्ची को लेकर दोबारा यूनाइटेड अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भर्ती नहीं किया गया। इस दौरान बच्ची की मौत हो गई। इस पूरे मामले में गठित एडीएम सिटी और सीएमओ की कमेटी ने बुधवार को जांच रिपोर्ट सौंप दी। 
कमेटी ने पाया कि पांच मार्च को दोबारा बच्ची को ले जाने पर यूनाइटेड अस्पताल के डॉक्टरों को उसे देखना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कमेटी ने इस आधार पर अस्पताल प्रशासन को स्पष्ट तौर पर लापरवाह पाया है। डॉक्टर की योग्यता पर भी सवाल उठाया गया था। हालांकि कमेटी ने पाया कि डॉक्टर के पास ऑपरेशन की योग्यता है। परिजनों ने इलाज के लिए दो लाख रुपये से अधिक राशि भी अस्पताल में जमा करने की बात कही थी, लेकिन जांच कमेटी के सामने वे इस बाबत कोई साक्ष्य नहीं दे पाए। एडीएम सिटी अशोक कुमार कनौजिया का कहना है कि यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल प्रशासन तथा डॉक्टर के खिलाफ पहले ही एफआईआर लिखाई जा चुकी है। इसके अलावा लापरवाही के लिए विधिक कार्रवाई का नोटिस भेजा गया है। एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।परिजन बच्ची को गंभीर अवस्था में चिल्ड्रेन अस्पताल से कैसे लेे गए इसके लिए अस्पताल प्रशासन को भी दोषी माना गया है। सीएमओ ने अस्पताल के अधीक्षक को पत्र लिखकर उस समय ड्यूटी पर तैनात स्टाफ को चिह्ति कर कार्रवाई के लिए कहा है। उन्होंने कार्रवाई की बाबत जांच कमेटी को अवगत कराने के लिए भी कहा है। एडीएम सिटी ने बताया कि इस मामले में की गई कार्रवाई के साथ जांच रिपोर्ट डीएम तथा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेज दी गई है।
अस्पताल सीज करने की मांग, निकाला कैंडल मार्च
बच्ची की मौत को लेकर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बुधवार को भी धरना-प्रदर्शन जारी रहा। सपा कार्यकर्ताओं ने पत्थर गिरजाघर के पास धरना दिया। इसके बाद शाम को सुभाष चौराहे पर कैंडल मार्च निकाला। कैंडल मार्च में बच्ची के परिजन भी शामिल हुए। धरना और कैंडल मार्च में शामिल लोग अस्पताल को सीज करने तथा प्रबंधक को गिरफ्तार किए जाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने जिला प्रशासन पर भी जांच के नाम पर खानापूर्ति किए जाने का आरोप लगाया। धरना और कैंडल मार्च में इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष अदील हमजा, मंजू पाठक, राजेंद्र त्रिपाठी, सूरज पांडेय आदि शामिल रहे।

तीन वर्ष की बच्ची खुशी की मौत के मामले में यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल की लापरवाही पाई गई है। इसके अलावा मामले में चिल्ड्रेन अस्पताल के कर्मचारियों की भी लापरवाही सामने आई है। जांच कमेटी ने इसे लेकर यूनाइटेड अस्पताल प्रशासन को नोटिस भेजकर पूछा है कि क्यों न आपके के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए। अस्पताल प्रशासन से सात दिनों में जवाब मांगा गया है।

बच्ची की आंत में इंफेक्शन था, जिसके बाद उसे यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसका दो बार ऑपरेशन किया गया, लेकिन पस का रिसाव नहीं रुका। आगे के इलाज के लिए बच्ची को तीन मार्च को चिल्ड्रेन अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन परिजन खुद ही बच्ची को ले गए। इधर-उधर भटकने के बाद वे पांच मार्च को बच्ची को लेकर दोबारा यूनाइटेड अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भर्ती नहीं किया गया। इस दौरान बच्ची की मौत हो गई। इस पूरे मामले में गठित एडीएम सिटी और सीएमओ की कमेटी ने बुधवार को जांच रिपोर्ट सौंप दी। 

prayagraj news : अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन करते लोग।
– फोटो : prayagraj

कमेटी ने पाया कि पांच मार्च को दोबारा बच्ची को ले जाने पर यूनाइटेड अस्पताल के डॉक्टरों को उसे देखना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कमेटी ने इस आधार पर अस्पताल प्रशासन को स्पष्ट तौर पर लापरवाह पाया है। डॉक्टर की योग्यता पर भी सवाल उठाया गया था। हालांकि कमेटी ने पाया कि डॉक्टर के पास ऑपरेशन की योग्यता है। परिजनों ने इलाज के लिए दो लाख रुपये से अधिक राशि भी अस्पताल में जमा करने की बात कही थी, लेकिन जांच कमेटी के सामने वे इस बाबत कोई साक्ष्य नहीं दे पाए। एडीएम सिटी अशोक कुमार कनौजिया का कहना है कि यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल प्रशासन तथा डॉक्टर के खिलाफ पहले ही एफआईआर लिखाई जा चुकी है। इसके अलावा लापरवाही के लिए विधिक कार्रवाई का नोटिस भेजा गया है। एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।परिजन बच्ची को गंभीर अवस्था में चिल्ड्रेन अस्पताल से कैसे लेे गए इसके लिए अस्पताल प्रशासन को भी दोषी माना गया है। सीएमओ ने अस्पताल के अधीक्षक को पत्र लिखकर उस समय ड्यूटी पर तैनात स्टाफ को चिह्ति कर कार्रवाई के लिए कहा है। उन्होंने कार्रवाई की बाबत जांच कमेटी को अवगत कराने के लिए भी कहा है। एडीएम सिटी ने बताया कि इस मामले में की गई कार्रवाई के साथ जांच रिपोर्ट डीएम तथा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेज दी गई है।
अस्पताल सीज करने की मांग, निकाला कैंडल मार्च
बच्ची की मौत को लेकर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बुधवार को भी धरना-प्रदर्शन जारी रहा। सपा कार्यकर्ताओं ने पत्थर गिरजाघर के पास धरना दिया। इसके बाद शाम को सुभाष चौराहे पर कैंडल मार्च निकाला। कैंडल मार्च में बच्ची के परिजन भी शामिल हुए। धरना और कैंडल मार्च में शामिल लोग अस्पताल को सीज करने तथा प्रबंधक को गिरफ्तार किए जाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने जिला प्रशासन पर भी जांच के नाम पर खानापूर्ति किए जाने का आरोप लगाया। धरना और कैंडल मार्च में इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष अदील हमजा, मंजू पाठक, राजेंद्र त्रिपाठी, सूरज पांडेय आदि शामिल रहे।