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गरीब महिलाओं के लिए रोजगार का संबल बनीं रुकैया बानो

रेशमी धागे से डिजाइनर चूड़ी सेट बनाने का सिखा रहीं हुनर
लखीमपुर खीरी। घर के काम के साथ-साथ कुछ घंटों की मेहनत और कमाई के साथ ही दूसरों को आत्मनिर्भर बनाने का हुनर सिखा रही हैं, ग्राम पंचायत सैधरी की रुकैया बानो। लखीमपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत सैंधरी में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से रुकैया बानो ने चूड़ियों को डिजाइन करने की कला से सदस्यों को जोड़कर, प्रत्येक सदस्य को प्रतिमाह करीब तीन हजार रुपये की आमदनी करा रही हैं।सैंधरी में अहद प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष रुकैया बानो ने 10 माह पहले ही एनआरएलएम से जुड़कर 11 महिलाओं का समूह बनाया था। रुकैया ने चूूड़ी सेट को रेशम के धागे व अन्य मैटेरियल की मदद से डिजाइन करने का प्लान बनाया, जिसके लिए उन्होंने यू-ट्यूब की भी मदद ली।बड़े शहरों में फल-फूल रहे इस कारोबार के शुरुआती परिणाम काफी अच्छे रहे। रुकैया ने बताया कि करीब तीन से चार घंटे प्रतिदिन की मेहनत से एक महिला प्रतिदिन एक चूड़ी सेट तैयार कर लेती है। इससे प्रत्येक महिला सदस्य को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की आमदनी हो जाती है।डिजाइनर चूड़ियों की बिक्री के लिए वॉट्सएप ग्रुप का सहारा ले रही हैं। यहां बता दें कि जनपद में करीब 12 हजार स्वयं सहायता समूह हैं, जिनमें रुकैया बानो का प्रोजेक्ट सबसे अनूठा नया है। रुकैया ने बताया कि एक सेट कीमत करीब 500 रुपये है। रेेशम के धागों से डिजाइन की गईं चूड़ियों की बाजार में अभी उपलब्धता न होने से भी रुकैया के प्रयासों को कामयाबी मिली है। उन्होंने इन चूड़ियों को पानी में भीगने से बचाने की सलाह दी है।बताया कि विशेष पार्टी-समारोह के लिए ऐसी डिजाइनर चूड़ी सेटों की अच्छी मांग है। इससे आने वाले दिनों में डिजाइनर चूड़ियों के कारोबार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। एनआरएलएम के उपायुक्त अजय प्रताप सिंह ने भी रुकैया बानो के प्रयासों की सराहना की है। आठ मार्च को होने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित करने के लिए उनका नाम जिला प्रशासन के पास भेजा है।

रेशमी धागे से डिजाइनर चूड़ी सेट बनाने का सिखा रहीं हुनर

लखीमपुर खीरी। घर के काम के साथ-साथ कुछ घंटों की मेहनत और कमाई के साथ ही दूसरों को आत्मनिर्भर बनाने का हुनर सिखा रही हैं, ग्राम पंचायत सैधरी की रुकैया बानो। लखीमपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत सैंधरी में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से रुकैया बानो ने चूड़ियों को डिजाइन करने की कला से सदस्यों को जोड़कर, प्रत्येक सदस्य को प्रतिमाह करीब तीन हजार रुपये की आमदनी करा रही हैं।

सैंधरी में अहद प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष रुकैया बानो ने 10 माह पहले ही एनआरएलएम से जुड़कर 11 महिलाओं का समूह बनाया था। रुकैया ने चूूड़ी सेट को रेशम के धागे व अन्य मैटेरियल की मदद से डिजाइन करने का प्लान बनाया, जिसके लिए उन्होंने यू-ट्यूब की भी मदद ली।

बड़े शहरों में फल-फूल रहे इस कारोबार के शुरुआती परिणाम काफी अच्छे रहे। रुकैया ने बताया कि करीब तीन से चार घंटे प्रतिदिन की मेहनत से एक महिला प्रतिदिन एक चूड़ी सेट तैयार कर लेती है। इससे प्रत्येक महिला सदस्य को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की आमदनी हो जाती है।

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