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चमगादड़ से होने वाली बीमारियों का पता लगाने में मदद करेगा बीएचयू

कोरोना वायरस के संक्रमण पर अध्ययन के साथ-साथ अब चमगादड़ से होने वाली बीमारियों के कारणों, प्रभाव का सही पता लगाने की दिशा में बीएचयू मददगार होगा। इसके लिए बीएचयू विज्ञान संस्थान की शोध छात्रा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों संग शोध करेगी। मैथमेटिकल मॉडलिंग के आधार पर चमगादड़ से होने वाली बीमारियों (इबोला, कोरोना, निपाह आदि) पर शोध कर रही छात्रा अविनिता विशेषकर निपाह वायरस के कारणों, इलाज आदि का पता लगाने में जुटी हैं। इसके लिए उसे हाल ही में न्यूटन भाभा पीएचडी प्लेसमेंट अनुदान भी मिला है। वह पहली ऐसी छात्रा हैं, जिन्हें यह अनुदान मिला है।

बीएचयू विज्ञान संस्थान स्थित डीएसटी-सिम्स सेंटर से जुड़ी छात्रा अविनिता 2017 से डॉ. अनुपम प्रियदर्शी के निर्देशन में शोध कार्य कर रही हैं। इसमें निपाह वायरस के प्रभाव, इसका असर, इससे बचाव के उपाय आदि का गणितीय अध्ययन कर सही जानकारी लगाना ही शोध का उद्देश्य है। मूल रूप से वैशाली पटना निवासी अविनिता ने पिछले दिनों एक प्रोजेक्ट के तहत आवेदन किया था।डीएसटी सेंटर स्थित अंतर्विषयक शोध केंद्र के कोआर्डिनेटर डॉ. बैंकेटेश्वर तिवारी के मुताबिक अविनिता को न्यूटन भाभा पीएचडी प्लेसमेंट अनुदान मिलना बड़ी उपलब्धि है। भारत सरकार और ब्रिटिश कांउसिल की ओर से दिए जाने वाले इस अनुदान के मिलने से उसे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में जाकर शोध करने का मौका भी मिला है।
चार महीने तक कैंब्रिज में रहकर अध्ययन करेगी अविनिता
शोध छात्रा अविनिता गौतम ने बताया कि न्यूटन भाभा पीएचडी अनुदान के तहत उन्हें चार महीने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में रहकर शोध करना है। इसकी जानकारी मिलने के बाद वह और उनका परिवार बहुत खुश हैं। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में आस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका आदि जगहों के डेटा भी हैं, जो बीमारी का पता लगाने के साथ ही उस पर नियंत्रण की दिशा में भी काम करने में मददगार होंगे। निदेशक, संकाय प्रमुख समेत शिक्षकों ने दी बधाई अविनिता की इस उपलब्धि पर विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी, संकाय प्रमुख प्रो. मल्लिकार्जुन जोशी के साथ ही डीएसटी केंद्र के समन्वयक डॉ. बैंकटेश्वर तिवारी, डॉ. मंजरी समेत अन्य लोगों ने बधाई दी है। उन्होंने उम्मीद भी जताई कि जल्द ही अविनिता अपने शोध कार्य में सफलता पाकर संस्थान का मान बढ़ाएगी।
स्कूली शिक्षा में बेहतरी के प्रयास में लगी हैं विजेता शर्मा विज्ञान संस्थान में ही शोध करने वाली विजेता शर्मा भी स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में शोध कार्य कर रही है। डॉ. मंजरी की देखरेख में शोध कर रही विजेता ने देश के 100 सर्वश्रेष्ठ शोध लेखन करने वाले छात्रों में अपनी जगह बनाई है। डीएसटी की ओर से शुरू योजना अवसर (आगुमेंटिंग राइटिंग स्किल्स फार आर्टिकुलेटिंग रिसर्च) के तहत ही विजेता के शोध लेखन को चुना गया है। डॉ. मंजरी ने बताया कि विजेता स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में एक साफ्टवेयर तैयार करने में लगी है।

कोरोना वायरस के संक्रमण पर अध्ययन के साथ-साथ अब चमगादड़ से होने वाली बीमारियों के कारणों, प्रभाव का सही पता लगाने की दिशा में बीएचयू मददगार होगा। इसके लिए बीएचयू विज्ञान संस्थान की शोध छात्रा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों संग शोध करेगी। मैथमेटिकल मॉडलिंग के आधार पर चमगादड़ से होने वाली बीमारियों (इबोला, कोरोना, निपाह आदि) पर शोध कर रही छात्रा अविनिता विशेषकर निपाह वायरस के कारणों, इलाज आदि का पता लगाने में जुटी हैं। इसके लिए उसे हाल ही में न्यूटन भाभा पीएचडी प्लेसमेंट अनुदान भी मिला है। वह पहली ऐसी छात्रा हैं, जिन्हें यह अनुदान मिला है।

बीएचयू विज्ञान संस्थान स्थित डीएसटी-सिम्स सेंटर से जुड़ी छात्रा अविनिता 2017 से डॉ. अनुपम प्रियदर्शी के निर्देशन में शोध कार्य कर रही हैं। इसमें निपाह वायरस के प्रभाव, इसका असर, इससे बचाव के उपाय आदि का गणितीय अध्ययन कर सही जानकारी लगाना ही शोध का उद्देश्य है। मूल रूप से वैशाली पटना निवासी अविनिता ने पिछले दिनों एक प्रोजेक्ट के तहत आवेदन किया था।