सैयद मशकूर, सहारनपुरमौलाना अरशद मदनी लगातार सातवीं बार भारत में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष बनाए गए हैं। जमीयत उलेमा ए हिंद कार्यसमिति की बैठक में देश की वर्तमान स्थिति समेत अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही सर्वसम्मति से मौलाना अरशद मदनी को आगामी कार्यकाल के लिए एक बार फिर अध्यक्ष चुना गया है।स्कूल और मदरसे बनाएगी उलेमा ए हिंदबैठक में फैसला लिया कि जमीयत उलेमा ए हिंद जहां कहीं भी आवश्यकता होगी वहां स्कूल और मदरसे बनाएगी। जमीयत उलेमा ए हिंद की बैठक मौलाना अरशद मदनी की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में देश की वर्तमान स्थिति, शासन-प्रशासन की ओर से जारी लापरवाही के साथ अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों, विशेष रूप से शिक्षा और मुसलमानों के शैक्षिक पिछड़ेपन पर गहरी चिंता जताई गई। बैठक में एजेंडे के तहत जमीयत के अगले कार्यकाल की अध्यक्षता के लिए राज्य इकाई की कार्य समिति की सिफारिशों की समीक्षा की गई। सभी राज्य इकाइयों द्वारा मौलाना अरशद मदनी के नाम की सिफारिश के आधार पर लगातार सातवीं बार मौलना मदनी को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया। जमीयत मुसलमानों में शिक्षा को आम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन छेड़ेगी। ‘सभी सरकारों ने मुसलमानों को शिक्षा के क्षेत्र में पीछे कर दिया’बैठक में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आज़ादी के बाद से ही देश की सभी सरकारों ने एक निर्धारित नीति का पालन करते हुए मुसलमानों को शिक्षा के क्षेत्र में पीछे कर दिया है। इसीलिए अब हमने फैसला लिया है कि जमीयत उलेमा ए हिंद अपने प्लेटफार्म से मुसलमानों में शिक्षा को आम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन के तहत जहां कहीं भी आवश्यकता होगी, वहां स्कूल और मदरसे बनाएंगी। मौलाना ने कहा कि हमें ऐसे स्कूलों और कालेजों की जरूरत है, जिनमें धार्मिक पहचान के साथ-साथ हमारे बच्चे उच्च शिक्षा हासिल कर सकें।
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