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स्कैम 1992 के बेहतरीन डायलॉग्स: सक्सेस व्हाट, फेल्योर के बाद का चैप्टर

2020 में जहां वेबसीरीज ने दर्शकों के दिलोदिमाग पर जादू किया, उसमें हंसल मेहता द्वारा निर्देशित ‘स्कैम: 1992’ (घोटाला 1992) सबसे टॉप पर रही। यह श्रृंखला हर्षद मेहता की लाइफ पर बनी थी जिसमें प्रतीक गांधी ने मुख्य भूमिका अदा की थीरीज की जबरदस्त कहानी, प्रतीक की हर्षद मेहता के रूप में एक्टिंग तो बेहतरीन थी ही साथ ही इस सीरीज के डायलॉग्स ने भी खूब सुक्खियां बटोरी थे। प्रतीक हर्षद मेहता के किरदार में जहां जान जंचे वहां उनके मुंह से एक-एक डायलॉग दर्शकों की जुबान पर छा गया। आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस बेहतरीन श्रृंखला के कुछ बेहतरीन डायलॉग्स के बारे में … 1) रिस्क है तो इस्की है। 2) जेब में जब आदमी हो ना तो कुंडली में शनि होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। 3) देखो में सिगरेट नहीं पीता पर जेब में लाइटर ज़रूर रखता है, धमाका करने के लिए। 4) ओल्ड स्कूल हो या न्यू स्कूल, सबके सिलेबस में एक एजेक्ट पॉइंट कॉमन होता है-प्रॉफिट और वो मेरा फेवरेट एजेक्ट है। 5) व्यवसाय में सेचुरेशन आता है, दिमाग में थोड़ा.वो तो चलता रहता है न! 6) शेयर बाजार इतना गहरा कुआँ है ना जो पूरे देश की पैसे की प्यास बुझा सकता है। 7) मैं बाज़ार में जाकर भाषणबाजी नहीं करना चाहता, सिद्ध लोगों के भरोसे पे खेलना चाहता हूँ। 8) प्रॉफिट दिखता है तो हर कोई झुकता है। 9) सक्सेस क्या है, फेल्योर के बाद का चैप्टर। 10) इमोशन में इंसान हमेशा गलत करता है। 11) लोचा, लफड़ा और जलेबी फाफड़ा, इसको पासती की लाइफ से नहीं हटाया जा सकता है। ।