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Gorakhpur news: MRP से ज्यादा मूल्य पर दवा बेच रहा था निजी अस्पताल, मुकदमा दर्ज

गोरखपुरमरीजों को सस्ता व बेहतर इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों की मनमानी आम हो गई है। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से सामने आया है। यहां एक निजी अस्पताल एमआरपी से ज्यादा मूल्य पर दवा और इंजेक्शन बेच रहा था। जिसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने अस्पताल संचालक के खिलाफ कैंट थाने में तहरीर दी। इस मामले में कैंट पुलिस ने हॉस्पिटल के दो कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।दवा व इंजेक्शन पर स्टिकर लगाकर बेच रहा था हॉस्पिटलपैडलेगंज स्थित न्यू लोटस हॉस्पिटल में दवा और दर्द निवारक मेरोपेनम इंजेक्शन पर स्टिकर लगाकर हॉस्पिटल द्वारा बेचा जा रहा था। जिसके बाद मरीज की शिकायत पर पहुंची ड्रग विभाग की टीम ने जांच की तो हॉस्पिटल में रखे मेरोपेनम इंजेक्शन में एमआरपी के ऊपर स्टिकर लगाकर बेचा जा रहा था। इस इंजेक्शन का मूल्य स्टिकर पर 3750 रुपये अंकित था, जबकि स्टिकर के नीचे 3200 रुपये दर्ज मिला। वहीं, अन्य दवाओं पर भी स्टिकर लगा मिला। जिसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने अस्पताल संचालक के खिलाफ कैंट थाने में तहरीर दी है। कैंट थाने की पुलिस ने हॉस्पिटल के कर्मचारी दीपू उपाध्याय और फार्मासिस्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।ऐसे हुआ मामले का खुलासाबता दें कि बीते दिनों कुशीनगर निवासी बाबूलाल कुशवाहा ने जिला जिला प्रशासन से न्यू लोटस हॉस्पिटल द्वारा उनकी मां राजमती देवी के बेहतर और सस्ता इलाज के नाम पर उनसे एक लाख रुपये से ज्यादा पैसे वसूलने की शिकायत की थी। बाबूलाल की शिकायत पर डीएम के. विजेंद्र पंडियन ने एक्शन लेते हुए एडीएम राजेश कुमार सिंह को जांच का आदेश निर्देश दिया। इसके बाद एडीएम स्वास्थ्य विभाग और ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह के साथ हॉस्पिटल पहुंचकर मामले की जांच किए तो वहां मौजूद अन्य मरीज के परिजनों ने भी हॉस्पिटल की शिकायत की। जिसके बाद जांच शुरू की गई और मामला सही पाया गया।सीएमओ ने जांच के लिए गठित किया टीमउधर, सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि हॉस्पिटल के मानकों की जांच करने के लिए टीम गठित कर दी गई है। हॉस्पिटल को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। वहीं, ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि मौके पर स्टिकर लगी दवाई और इंजेक्शन मिले हैं। मामला बेहद गंभीर है जांच की जा रही है।