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कौशाम्बी : बेटे व पति की बलि देने की आरोपी महिला ने दम तोड़ा

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पति व बेटे की बलि देकर सनसनी फैलाने की आरोपी महिला ने शुक्रवार को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में दम तोड़ दिया। बीमारी की हालत में जेल प्रशासन ने उसे आठ मार्च को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया था। महिला की मौत की सूचना के बाद परिवार के लोग शव लेने नहीं गए। पिपरी कोतवाली के चायल कस्बा निवासी नौसे उर्फ वकील अहमद (30) तीन भाइयों में सबसे छोटा था। वह पत्नी गुलनाज बानो और तीन बच्चे अनवर (4), वाजिहा खातून (6) व ढाई माह की मासूम बेटी मायरा खातून के साथ मुंबई में रहकर सिलाई का काम करता था। कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में वह परिवार के साथ घर लौट आया।नौसे ने परिवार के भरण-पोषण के लिए चायल में ही सिलाई का काम शुरू किया। इसी बीच नौसे की तबीयत खराब रहने लगी। इस पर नौसे ने तांत्रिक साढ़ू बबलू अहमद निवासी बेगम सराय मुंडेरा के संपर्क किया। 18 नवंबर 2020 को नौसे का साढू अपनी पत्नी व सास के साथ उसके घर चायल आया था। 20 नवंबर की रात नौसे के घर से कराहने की आवाज सुनाई पड़ी तो पड़ोसियों को शक हुआ। लोगों की सूचना पर भोर में पुलिस पहुंची तो घर के अंदर नौसे व उसके बेटे अनवर की लाश मिली।शवों के पास उसकी पत्नी गुलनाज बदहवाश बैठी थी। तंत्र-मंत्र के लिए पिता-पुत्र की बलि देने की वारदात से इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस को प्राथमिक जांच में ही तंत्र-मंत्र के कारण बलि देने की बात पता चली। इस दौरान पुलिस ने गुलनाज को एक अस्पताल में भर्ती कराया। सामान्य होने के बाद उसने अपनी बहन व बहनोई के साथ मिलकर पति और बेटे के बलि देने की बात कुबूल की। गुलनाज ने पुलिस को बताया था कि रोजगार व नौसे की बीमारी से परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी।इस पर उसके बहनोई ने तंत्र-मंत्र से सब कुछ ठीक करने की कही। बेटे अनवर पर तंत्र-मंत्र किया जा रहा था तभी उसकी मौत हो गई। इस बीच बहनोई ने कहा कि नौसे की थोड़ी सी आंत निकालकर लगाने से दोनों बच जाएंगे। आंत निकालने के फेर में नौसे भी चल बसा। वारदात में पुलिस ने गुलनाज, उसकी बहन व बहनोई के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेजा। जेल में बीते दिनों गुलनाज की तबीयत खराब हो गई। आठ मार्च को जेल प्रशासन उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां चिकित्सकों ने उसकी हालत नाजुक देख प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया था। इलाज के दौरान एसआरएन अस्पताल में शुक्रवार को गुलनाज की मौत हो गई।विचाराधीन बंदी के मौत की सूचना मिली है। हालांकि, जेल प्रशासन की ओर से अभी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। मामले का पता लगाया जा रहा है।श्यामकांत, सीओ चायल

पति व बेटे की बलि देकर सनसनी फैलाने की आरोपी महिला ने शुक्रवार को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में दम तोड़ दिया। बीमारी की हालत में जेल प्रशासन ने उसे आठ मार्च को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया था। महिला की मौत की सूचना के बाद परिवार के लोग शव लेने नहीं गए। 

पिपरी कोतवाली के चायल कस्बा निवासी नौसे उर्फ वकील अहमद (30) तीन भाइयों में सबसे छोटा था। वह पत्नी गुलनाज बानो और तीन बच्चे अनवर (4), वाजिहा खातून (6) व ढाई माह की मासूम बेटी मायरा खातून के साथ मुंबई में रहकर सिलाई का काम करता था। कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में वह परिवार के साथ घर लौट आया।

नौसे ने परिवार के भरण-पोषण के लिए चायल में ही सिलाई का काम शुरू किया। इसी बीच नौसे की तबीयत खराब रहने लगी। इस पर नौसे ने तांत्रिक साढ़ू बबलू अहमद निवासी बेगम सराय मुंडेरा के संपर्क किया। 18 नवंबर 2020 को नौसे का साढू अपनी पत्नी व सास के साथ उसके घर चायल आया था। 20 नवंबर की रात नौसे के घर से कराहने की आवाज सुनाई पड़ी तो पड़ोसियों को शक हुआ। लोगों की सूचना पर भोर में पुलिस पहुंची तो घर के अंदर नौसे व उसके बेटे अनवर की लाश मिली।
शवों के पास उसकी पत्नी गुलनाज बदहवाश बैठी थी। तंत्र-मंत्र के लिए पिता-पुत्र की बलि देने की वारदात से इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस को प्राथमिक जांच में ही तंत्र-मंत्र के कारण बलि देने की बात पता चली। इस दौरान पुलिस ने गुलनाज को एक अस्पताल में भर्ती कराया। सामान्य होने के बाद उसने अपनी बहन व बहनोई के साथ मिलकर पति और बेटे के बलि देने की बात कुबूल की। गुलनाज ने पुलिस को बताया था कि रोजगार व नौसे की बीमारी से परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी।
इस पर उसके बहनोई ने तंत्र-मंत्र से सब कुछ ठीक करने की कही। बेटे अनवर पर तंत्र-मंत्र किया जा रहा था तभी उसकी मौत हो गई। इस बीच बहनोई ने कहा कि नौसे की थोड़ी सी आंत निकालकर लगाने से दोनों बच जाएंगे। आंत निकालने के फेर में नौसे भी चल बसा। वारदात में पुलिस ने गुलनाज, उसकी बहन व बहनोई के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेजा। जेल में बीते दिनों गुलनाज की तबीयत खराब हो गई। आठ मार्च को जेल प्रशासन उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां चिकित्सकों ने उसकी हालत नाजुक देख प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया था। इलाज के दौरान एसआरएन अस्पताल में शुक्रवार को गुलनाज की मौत हो गई।

विचाराधीन बंदी के मौत की सूचना मिली है। हालांकि, जेल प्रशासन की ओर से अभी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। मामले का पता लगाया जा रहा है।
श्यामकांत, सीओ चायल

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