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बाइक बोट घोटाला: बीएन तिवारी ने दो साल में खड़ी कर ली अरबों की संपत्ति, मास्टरमाइंड से पूछताछ में उगले कई राज

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बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले के मास्टरमाइंड बीएन तिवारी ने महज दो साल में अरबों रुपये की संपत्ति बना ली है। उसके पास लखनऊ के गोमती नगर समेत कई पॉश इलाकों में चार बड़े मकान हैं। वह एक न्यूज चैनल समेत और कई कंपनियां का मालिक भी है। इसका खुलासा उसने रिमांड के दौरान पूछताछ में ईओडब्ल्यू से किया है। पुलिस से पूछताछ में तिवारी ने बताया कि वह मार्स ग्रुप ऑफ कंपनीज का मालिक है और इसी कंपनी के अधीन संचालित न्यूज चैनल लाइव टूडे का भी संचालक है। इसके अलावा वह उसने बिजेंद्र सिंह हुड्डा की डीटीएच कंपनी इंडिपेंडेंट टीवी लि. (पूर्व की रिलायंस बिग टीवी) को भी सेवा देता था। उसने बताया कि बिजेंद्र हुड्डा ने ही उसकी मुलाकात संजय भाटी से कराई थी। इसके बाद वह भाटी के बाइक बोट पावर्ड बाई जीआईपीएल स्कीम से जुड़ गया। इसमें निवेशकों को एक वर्ष में दोगुनी रकम भुगतान करने का भरोसा दिया जाता था। वह स्कीम में हो रही कमाई को देखकर लालच में आ गया और वह भी कंपनी में हिस्सेदार बन गया। उसने बताया कि संजय भाटी निवेशकों से जीआईपीएल व आईटीवी आदि कंपनियों के खाते में पैसा जमा कराता था। 
बाद में उसने भाटी व हुड्डा को पेट्रोल बाइक के स्थान पर ई-बाइक के संचालन का सुझाव दिया और कुछ ई-बाइक तैयार कराके उसकी आपूर्ति भी शुरू कर दी। इससे भाटी व हुड्डा उस पर अटूट विश्वास करने लगे। तो तिवारी इसका फायदा उठाते हुए जीआईपीएल के अधिग्रहित कंपनी पेंटेल टेक्नोलाजी प्रा. लि. (पीटीपीएल) में निदेशक बन गया और अपने दोनों बेटों मनोज व कुश को आईटीवी में निदेशक नियुक्त करा लिया। उधर, भाटी ने पीटीपीएल सहित कई कंपनियों में तिवारी को वित्तीय सलाहकार व प्रशासनिक संचालक भी बना दिया। सुबूत मिटाने के लिए जला डाले सभी कंप्यूटर व दस्तावेजबीएन तिवारी ने पुलिस को बताया कि भाटी की सभी कंपनियों से उसने अपनी मार्स ग्रुप की मार्स एनवायरोटेक प्रा. लि. व एकार्ड हाईड्रोलिक्स प्रा. लि. के खाते में करीब 41 करोड़ रुपये डायवर्ट करा लिया। इसके बाद उसने और बेटों ने कई लग्जरी गाड़ियां भी खरीदीं। उसने बताया कि पिछले साल जनवरी उसने दिल्ली में ई-बाइक गो कंपनी लॉन्च किया और लोगों से भारी निवेश कराया।साल भर बीतने के बावजूद निवेशकों को पैसे नहीं मिले, तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान वह नोएडा स्थित आईटीवी व पीटीपीएल और टीवी-24 की सारी संपत्ति समेटकर लखनऊ चला आया। इतना ही नहीं, उसने सुबूत मिटाने के लिए जीआईपीएल के कार्यालय में लगे सभी कंप्यूटर व दस्तावेज को जलाकर नष्ट कर दिया। पुलिस ने बरामद की 90 लाख रुपये की दो लग्जरी गाड़ियांपुलिस ने बीएन तिवारी से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर लखनऊ स्थित एकोर्ड हाईड्रोलिक्स कंपनी के कार्यालय में छिपाकर रखी गई 90 लाख कीमत की दो लग्जरी गाडियां बरामद कर ली है। जबकि दो लग्जरी गाड़ियां उसके बेटे लेकर फरार हैं। इसके अलावा कार्यालय छिपाकर रखे गए कई कंपनियों से लेन-देन संबंधी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले के मास्टरमाइंड बीएन तिवारी ने महज दो साल में अरबों रुपये की संपत्ति बना ली है। उसके पास लखनऊ के गोमती नगर समेत कई पॉश इलाकों में चार बड़े मकान हैं। वह एक न्यूज चैनल समेत और कई कंपनियां का मालिक भी है। 

इसका खुलासा उसने रिमांड के दौरान पूछताछ में ईओडब्ल्यू से किया है। पुलिस से पूछताछ में तिवारी ने बताया कि वह मार्स ग्रुप ऑफ कंपनीज का मालिक है और इसी कंपनी के अधीन संचालित न्यूज चैनल लाइव टूडे का भी संचालक है। 

इसके अलावा वह उसने बिजेंद्र सिंह हुड्डा की डीटीएच कंपनी इंडिपेंडेंट टीवी लि. (पूर्व की रिलायंस बिग टीवी) को भी सेवा देता था। उसने बताया कि बिजेंद्र हुड्डा ने ही उसकी मुलाकात संजय भाटी से कराई थी। इसके बाद वह भाटी के बाइक बोट पावर्ड बाई जीआईपीएल स्कीम से जुड़ गया। 
इसमें निवेशकों को एक वर्ष में दोगुनी रकम भुगतान करने का भरोसा दिया जाता था। वह स्कीम में हो रही कमाई को देखकर लालच में आ गया और वह भी कंपनी में हिस्सेदार बन गया। उसने बताया कि संजय भाटी निवेशकों से जीआईपीएल व आईटीवी आदि कंपनियों के खाते में पैसा जमा कराता था। 

बाद में उसने भाटी व हुड्डा को पेट्रोल बाइक के स्थान पर ई-बाइक के संचालन का सुझाव दिया और कुछ ई-बाइक तैयार कराके उसकी आपूर्ति भी शुरू कर दी। इससे भाटी व हुड्डा उस पर अटूट विश्वास करने लगे। तो तिवारी इसका फायदा उठाते हुए जीआईपीएल के अधिग्रहित कंपनी पेंटेल टेक्नोलाजी प्रा. लि. (पीटीपीएल) में निदेशक बन गया और अपने दोनों बेटों मनोज व कुश को आईटीवी में निदेशक नियुक्त करा लिया। उधर, भाटी ने पीटीपीएल सहित कई कंपनियों में तिवारी को वित्तीय सलाहकार व प्रशासनिक संचालक भी बना दिया। सुबूत मिटाने के लिए जला डाले सभी कंप्यूटर व दस्तावेजबीएन तिवारी ने पुलिस को बताया कि भाटी की सभी कंपनियों से उसने अपनी मार्स ग्रुप की मार्स एनवायरोटेक प्रा. लि. व एकार्ड हाईड्रोलिक्स प्रा. लि. के खाते में करीब 41 करोड़ रुपये डायवर्ट करा लिया। इसके बाद उसने और बेटों ने कई लग्जरी गाड़ियां भी खरीदीं। उसने बताया कि पिछले साल जनवरी उसने दिल्ली में ई-बाइक गो कंपनी लॉन्च किया और लोगों से भारी निवेश कराया।साल भर बीतने के बावजूद निवेशकों को पैसे नहीं मिले, तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान वह नोएडा स्थित आईटीवी व पीटीपीएल और टीवी-24 की सारी संपत्ति समेटकर लखनऊ चला आया। इतना ही नहीं, उसने सुबूत मिटाने के लिए जीआईपीएल के कार्यालय में लगे सभी कंप्यूटर व दस्तावेज को जलाकर नष्ट कर दिया। पुलिस ने बरामद की 90 लाख रुपये की दो लग्जरी गाड़ियांपुलिस ने बीएन तिवारी से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर लखनऊ स्थित एकोर्ड हाईड्रोलिक्स कंपनी के कार्यालय में छिपाकर रखी गई 90 लाख कीमत की दो लग्जरी गाडियां बरामद कर ली है। जबकि दो लग्जरी गाड़ियां उसके बेटे लेकर फरार हैं। इसके अलावा कार्यालय छिपाकर रखे गए कई कंपनियों से लेन-देन संबंधी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।