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1971 में पाक पर मिली जीत के जश्न में सेना ने निकाली साइकिल रैली, चार जनपदों का करेंगे भ्रमण

1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना को मिली जीत के 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है। सोमवार सुबह उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद स्थित 39जीटीसी में साइकिल रैली निकाल कर सैनिकों ने जश्न मनाया। रैली को 39जीटीसी के कमांडेंट ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बैंसला (सेना मेडल) ने झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली एक सप्ताह में वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर का भ्रमण करते हुए 22 मार्च को पुन: 39 जीटीसी में पहुंच कर समाप्त होगी। रैली में एक अधिकारी, एक जेसीओ और नौ जवानों की टीम शामिल है।  भारतीय सेना के शौर्य गाथा से आमजन को कराएंगे रूबरू
39जीटीसी कमांडेंट ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बैंसला ने बताया कि रैली का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना के शौर्य गाथा से आमजन को अवगत कराना है। युद्ध में शहादत देने वाले भारतीय सेना के वीर नारियों को भी सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीम भारतीय सेना और उसके वीर सैनिकों के शौर्य गाथा से स्कूली बच्चों को अवगत कराएगी ताकि बच्चे भी भारतीय सेना के स्वर्णिम इतिहास को भूलने के बजाय पीढ़ी दर पीढ़ी याद रखें। उन्होंने बताया स्वर्ण जयंती वर्ष पर इस आयोजन के माध्यम से हमारा प्रयास है कि भारतीय सेना के शहीद अफसरों व जवानों के प्रति आमजन अपनी कृतज्ञता प्रकट कर सकें।

1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना को मिली जीत के 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है। सोमवार सुबह उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद स्थित 39जीटीसी में साइकिल रैली निकाल कर सैनिकों ने जश्न मनाया।

रैली को 39जीटीसी के कमांडेंट ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बैंसला (सेना मेडल) ने झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली एक सप्ताह में वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर का भ्रमण करते हुए 22 मार्च को पुन: 39 जीटीसी में पहुंच कर समाप्त होगी। रैली में एक अधिकारी, एक जेसीओ और नौ जवानों की टीम शामिल है।

भारतीय सेना के शौर्य गाथा से आमजन को कराएंगे रूबरू

39जीटीसी कमांडेंट ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बैंसला ने बताया कि रैली का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना के शौर्य गाथा से आमजन को अवगत कराना है। युद्ध में शहादत देने वाले भारतीय सेना के वीर नारियों को भी सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीम भारतीय सेना और उसके वीर सैनिकों के शौर्य गाथा से स्कूली बच्चों को अवगत कराएगी ताकि बच्चे भी भारतीय सेना के स्वर्णिम इतिहास को भूलने के बजाय पीढ़ी दर पीढ़ी याद रखें। उन्होंने बताया स्वर्ण जयंती वर्ष पर इस आयोजन के माध्यम से हमारा प्रयास है कि भारतीय सेना के शहीद अफसरों व जवानों के प्रति आमजन अपनी कृतज्ञता प्रकट कर सकें।

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