Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

खालिस्तान समर्थक पन्नू की खतरनाक साजिश, मांग रहा है चोटिल किसानों की सूची

Default Featured Image

किसान आंदोलन में शुरू से ही लोगों को तोड़फोड़ के लिए उकसाने वाला आतंकवादी एवं सिख फॉर जस्टिस संगठन का संस्थापक और कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू दोबारा खतरनाक साजिश रच रहा है। अमेरिका में रहने वाला पन्नू सोमवार सुबह से ही किसानों और मीडिया कर्मियों को लगातार संदेश भेज रहा है। अपने मैसेज में पन्नू ने गणतंत्र दिवस पर हुए उपद्रव में घायल और आंदोलन के विभिन्न चरणों में जान गंवाने वाले किसानों का विवरण देने की बात कही है।पन्नू ने कहा है कि वह इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाएगा। वहां पर मोदी सरकार के उन कदमों की जानकारी दी जाएगी, जिसके जरिए किसानों को प्रताड़ित किया जा रहा है। सरकार जानबूझकर किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है। देशभर के किसानों को खेत खलियान छोड़कर सड़क पर बैठने के लिए मजबूर किया जा रहा है। केंद्रीय एजेंसियां, आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के इस मैसेज पर नजर रख रही हैं।बता दें कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों से खालिस्तान की मांग उठाने वाला पन्नू अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन से किसान आंदोलन को सरकार के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाने के लिए उकसाता रहता है। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में लालकिला एवं दूसरी जगहों पर हिंसा का जो तांडव सामने आया था, सुरक्षा एजेंसियां उसके पीछे पन्नू का हाथ बताती हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उसे पहले ही आतंकियों की सूची में शामिल कर रखा है।एनआईए ने पंजाब में पन्नू की कई संपत्तियां जब्त की हैं। उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जांच एजेंसियां अपने स्तर पर जुटी हैं। लिहाजा, पन्नू अब भारत का नागरिक नहीं है, इसी वजह से जांच एजेंसियां उसके खिलाफ चाह कर भी ज्यादा कुछ नहीं कर पातीं। पन्नू जिन देशों से किसानों के पास संदेश भेजता है या फोन करता है, वहां पर इसे गैर-कानूनी नहीं माना जाता है। अब केंद्रीय एजेंसियां कूटनीति के जरिए पन्नू पर शिकंजा कसने का प्रयास कर रही हैं।ताजा प्रकरण में पन्नू ने उन सभी किसानों के पास संदेश भेजा है, जो पुलिस की मार से घायल हुए हैं। इसके अलावा अभी तक किसान आंदोलन में जितने किसानों की मौत हुई है, उनके घरों पर भी पन्नू संपर्क कर रहा है। पन्नू ने इन सभी से अपील की है कि वे पुलिस की ज्यादती से संबंधित विस्तृत विवरण ईमेल के जरिए उनके पास भेज दें। इसके लिए पन्नू ने अपने संगठन सिख फॉर जस्टिस की मेल आईडी दी है। वह आगे कहता है कि किसान जितनी जल्दी मेल भेजेंगे, वह उतनी ही तेजी से उनका मामला संयुक्त राष्ट्र में उठाने का प्रयास करेगा।पन्नू आगे कहता है कि उसने अंतरराष्ट्रीय मंच से इस मुद्दे को उठाने की पूरी तैयारी कर रखी है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को बताया जाएगा कि भारत में किसानों के साथ गलत किया जा रहा है। किसान आंदोलन के दौरान एनआईए ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए फंडिंग करने के आधार पर पन्नू की जमीन और दूसरी संपत्तियां जब्त की हैं। अब पन्नू के इस संदेश के बाद खुफिया एजेंसियां उन परिवारों पर नज़र रख रही हैं, जिनके अपने सदस्य किसान आंदोलन में मारे गए हैं।दूसरी तरफ किसान नेता दर्शनपाल कहते हैं कि ये आंदोलन किसानों का है। किसी पन्नू से इसका कोई लेना-देना नहीं है। जब उसने आंदोलन के शुरू में धरनास्थल पर अपने पोस्टर लगवाए थे, तभी उन्हें हटवाया दिया गया था। संयुक्त किसान मोर्चा, ऐसे लोगों से कोई सम्बंध नहीं रखता।