देवरियाउत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में सरकारी राशन की बंदरबांट का मामला सामने आया है। ग्राम प्रधान, कोटेदार और आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से न केवल दर्जनभर लोगों का दो-दो राशन कार्ड बना राशन दिया गया, बल्कि कई साल पहले मर चुके लोग भी सरकारी गल्ला खाते रहे। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की गई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब न्यायालय के आदेश पर प्रधान, कोटेदार, राशन कार्ड धारकों और आपूर्ति कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। 8 वर्षों से हो रही थी सरकारी राशन की कालाबाजारीजिले के रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के हरपुर गांव में सरकारी राशन की खूब बंदरबांट की गई है। इस गांव की प्रधान रामरती, प्रधान पति रामप्रवेश और कोटेदार रामअयोध्या ने आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से लगभग 8 साल तक सरकारी राशन की खूब कालाबाजारी की। इन लोगों ने गांव की तेतरी, राणाप्रताप, मंजू देवी, ईसा, शायरा खातून, फूलवासी, रीता समेत दर्जनभर लोगों के नाम दो-दो राशन कार्ड बना कर वर्ष 2015 से ही सरकारी राशन लेते रहे। यही नहीं गांव के ही दलित नरीमन उनकी पत्नी खेदनी और बेटे टेल्हू की वर्षों पूर्व मौत हो चुकी है। लेकिन इनके नाम पर भी राशन कार्ड बना कर वर्षों से राशन लिया जाता रहा। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई। लेकिन अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय टालते रहे।न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमाथक हार कर गांव के ही सामाजिक कार्यकर्ता धर्मेंद्र राव ने इस बात की शिकायत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में की। न्यायालय के आदेश पर इस मामले में धर्मेंद्र राव की तहरीर पर प्रधान रामरती, प्रधान पति रामप्रवेश, कोटेदार रामअयोध्या, भिखारी और आपूर्ति विभाग के अज्ञात कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है ।
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