प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एक बार फिर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को गैस सिलिंडर मुहैया कराने की तैयारी कर ली गई है। इसके तहत गैस एजेंसियों को निर्देशित कर दिया गया है। एजेंसियां पात्र लोगों से सभी डॉक्यूमेंट के साथ आवेदन ले रहे हैं। शहरी के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना के क्रियान्वयन पर अधिक जोर दिया जा रहा है। सियासतदार इसे सियासी चश्में से देख रहे हैं। उनका कहना है यूपी विधानसभा का चुनाव अगले वर्ष है, इसलिए इस योजना को फिर से शुरू किया गया है। पीएम उज्ज्वला योजना को केंद्र की बीजेपी सरकार ने 2014 के चुनाव के बाद शुरू किया था। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के घरों में गैस सिलिंडर मुहैया कराना है। तीन साल तक लगातार योजना के संचालित रहने के बाद केंद्र सरकार ने 28 अगस्त 2019 को इस पर रोक लगा दी थी। तबसे यह लगातार बंद रही है। सिलिंडर का पैसा सरकार सब्सिडी के जरिए धीरे-धीरे वसूल करती है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों एकमुश्त पैसा नहीं देना पड़ता है। आंकड़ो के मुताबिक जिले में पिछली बार चार लाख, साठ हजार, नौ सौ बीस लोगों को लाभान्वित किया चुका है। इसमें सबसे अधिक इंडियन ऑयल के दो लाख, बीपीसीएल के पौने दो लाख और एचपीसीएल के तकरजीबन 81 हजार के उपभोक्ता बने थे। इस बार भी आर्थिक रूप से कमजोर तकरीबन चार लाख लोगों को सिलिंडर दिया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से निर्देश जारी किया गया है। एलपीजी फेडरेशन के क्षेत्रीय पदाधिकारी मोहित मिश्रा ने बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत लाभ पहुंचाने के लिए आवेदन मांगे जा रहे है। उधर, इंडियन ऑयल की सेल्स मैख्ननेजर सौम्या दीक्षित ने बताया कि अभी इस संबंध में उनके पास कोई आदेश नहीं आया है। लेकिन, मौखिक तौर पर मिल रही सूचना के मुताबिक उज्ज्वला योजना के तहत लाभ पहुंचाने के लिए एजेंसियों की ओर से आवेदन लिए जा रहे हैं।
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