कानपुरकानपुर में एक गैंगरेप के मामले में पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने आरोपियों को दस-दस साल की कैद और 25-25 हजार का जुर्माने की सजा सुनाई है। गैंगरेप की शिकार हुई विवाहिता जब पुलिस के पास अपनी फरियाद लेकर गई थी। उस समय पुलिस ने उसकी फरियाद नहीं सुनी तो उसने कोर्ट की शरण ली थी। पीड़िता की शिकायत पर परिवाद दर्ज करने का आदेश हुआ था। 10 साल की कानूनी लड़ाई के बाद अब पीड़िता को न्याय मिला है।बर्रा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में रहने वाली विवाहिता बीते 1 फरवरी 2011 की रात शौच के लिए गई थी। गांव के ही रहने वाले महिला के भतीजे ने अपने एक साथी के साथ मिलकर गैंगरेप किया था। पीड़िता अपनी फरियाद लेकर कई हफ्ते तक थाने के चक्कर लगाती रही। लेकिन पुलिस ने उसकी गुहार नहीं सुनी। पीड़िता ने ली थी कोर्ट की शरणगैंगरेप पीड़िता की जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो उसने कोर्ट की शरण ली। पीड़िता की शिकायत पर परिवाद दाखिल हो गया। लगभग दस साल से यह मामला लंबित पड़ा था। गैंगरेप के इस मामले को पॉक्सो कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पीड़िता हर एक तारीख में खुद मौजूद रहती थी और लगातार 10 साल तक मुकदमे की पैरवी करती रही। तब जाकर उसे न्याय मिला है।गांव में उड़ाते थे महिला का मजाकगैंगरेप के इस मामले में पीड़िता का न तो मेडिकल हुआ था और न ही एफआईआर दर्ज हुई थी। पॉक्सो कोर्ट का अपने आप में यह ऐतिहासिक फैसला है, जो लोग गांव में कभी पीड़िता का मजाक उड़ाते थे, आज वहीं लोग उसकी सराहना कर रहे हैं।
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