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महंगा पड़ गया फर्जीवाड़ा करना, एक वर्ष में रेलवे ने डिबार कर दिए 325 अभ्यर्थी

रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ (आरआरसी) द्वारा बीते एक वर्ष के दौरान ग्रुप डी की भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले 325 अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इन सभी को आरआरसी प्रशासन द्वारा डिबार करने की कार्रवाई की गई। यानी कि यह सभी अभ्यर्थी अब भविष्य में रेलवे की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। दरअसल आरआरसी प्रयागराज की ओर से  ग्रुप डी के लेवल-1 के पदों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए तृतीय दस्तावेज सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। इसके दो चरण पिछले वर्ष ही हुए। जबकि तीसरा चरण 15 से 19 मार्च को हुआ। इस जांच प्रक्रिया में आरआरसी को ऐसे बहुत से अभ्यर्थी मिले, जिनके स्थान पर लिखित परीक्षा किसी दूसरे अभ्यर्थी ने दी और शारीरिक दक्षता परीक्षा में अभ्यर्थी खुद ही शामिल हुआ। हालांकि यह सभी अभ्यर्थी प्रिंगर प्रिंट की जांच में आरआरसी प्रशासन द्वारा पकड़ लिए गए।आरआरसी प्रयागराज के चेयरमैन अतुल मिश्र ने बताया कि एडवांस टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग होने की वजह से भर्ती परीक्षा में अगर कोई फर्जीवाड़ा करता है तो वह आसानी से पकड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि 15 से 19 मार्च की अवधि में 125 अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया था। कहा कि जो अभ्यर्थी संबंधित तिथि में दस्तावेज सत्यापन के लिए नहीं पहुंच सके, उन्हें आरआरसी द्वारा एक और मौका दिया जा रहा है। संबंधित अभ्यर्थी छह अप्रैल से आठ अप्रैल तक दस्तावेज सत्यापन के लिए आरआरसी कार्यालय आ सकते हैं।

रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ (आरआरसी) द्वारा बीते एक वर्ष के दौरान ग्रुप डी की भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले 325 अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इन सभी को आरआरसी प्रशासन द्वारा डिबार करने की कार्रवाई की गई। यानी कि यह सभी अभ्यर्थी अब भविष्य में रेलवे की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे।

दरअसल आरआरसी प्रयागराज की ओर से  ग्रुप डी के लेवल-1 के पदों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए तृतीय दस्तावेज सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। इसके दो चरण पिछले वर्ष ही हुए। जबकि तीसरा चरण 15 से 19 मार्च को हुआ। इस जांच प्रक्रिया में आरआरसी को ऐसे बहुत से अभ्यर्थी मिले, जिनके स्थान पर लिखित परीक्षा किसी दूसरे अभ्यर्थी ने दी और शारीरिक दक्षता परीक्षा में अभ्यर्थी खुद ही शामिल हुआ। हालांकि यह सभी अभ्यर्थी प्रिंगर प्रिंट की जांच में आरआरसी प्रशासन द्वारा पकड़ लिए गए।