रंगभरी एकादशी की पूर्व संध्या पर मंगलवार को गौरा का गौना कराने काशी पुराधिपति गाजे बाजे संग ससुराल पहुंचे। महंत आवास पर बाबा की बरात के पहुंचने के बाद यहां मेवा, फल, रंगभरी ठंडई से पारंपरिक स्वागत किया गया। रंगभरी एकादशी पर बुधवार को महंत आवास से लेकर काशी की गलियों तक रंग और गुलाल उड़ाया जाएगा।
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