Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

आरक्षण को लेकर आईं 1063 आपत्तियां, सबसे ज्यादा प्रधान पर, आज भी लगी लाइन

Default Featured Image

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मार्च के अंतिम सप्ताह तक अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है। इसके पहले नामांकन की तैयारियों को पूरा कराने में प्रशासन जुटा है। वाराणसी में आपत्तियां देने का दिन  मंगलवार को आखिरी हैं। आज भी जिला पंचायत कार्यालय पर आपत्तियां देने के लिए लाइन लगी पड़ी है। सोमवार को आरक्षण को लेकर 1063 आपत्तियां आईं थीं।सबसे ज्यादा 1005 शिकायत प्रधान के लिए रहीं। क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 46 और जिला पंचायत सदस्य के लिए 12 आपत्तियां आईं। सोमवार को विकास भवन में आपत्तियां दर्ज कराने वालों की भीड़ लगी रही। आयोग ने नामांकन पत्र का मूल्य तीन वर्गों में निर्धारित किया है। प्रधान और बीडीसी के लिए 300 रुपये, जिला पंचायत सदस्य के लिए 500 रुपये और ग्राम पंचायत सदस्य के लिए 150 रुपये निर्धारित किया गया है। अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन पत्रों का वितरण निर्धारित स्थानों से होगा।
उम्मीद है कि आगामी 26 मार्च के बाद पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। इसके बाद इन चुनावों के लिए नामांकन दाखिले का सिलसिला शुरू हो जाएगा। वहीं चुनाव और होली का माहौल साथ होने से राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने अधिकारियों को उपद्रवियों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया है। वहीं आरक्षण को लेकर असंतुष्ट लोग आपत्तियां दर्ज करवा रहे हैं।डीपीआरओ शाश्वत आनंद सिंह ने बताया कि 200 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं। मंगलवार तक आने वाली आपत्तियों का निस्तारण कर 26 मार्च को फाइनल सूची जारी की जाएगी। प्रधान पद के लिए काशी विद्यापीठ ब्लाक कार्यालय पर विभिन्न गांवों आरक्षण को लेकर अब तक दस आपत्तियां आईं हैं। आयोग के गाइडलाइन के अनुसार कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन किया जाएगा।
जन्म से मानी जाएगी जाति
पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण के बाद कइयों के समीकरण बिगड़ गए हैं। अमूमन लोग दूसरी जाति में विवाह करके आरक्षण का लाभ लेने का प्रयास करते हैं। लेकिन चुनाव आयोग की गाइड लाइन के अनुसार विवाह करने मात्र से व्यक्ति की जाति नहीं बदलेगी। जन्म से ही व्यक्ति की जाति का निर्धारण होता है। पंचायत के सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी राजाराम वर्मा ने बताया कि महिला या पुरुष किसी भी जाति में विवाह करें। तब भी उस महिला व पुरुष की जाति जन्म से मानी जाती है। अत: ऐसे लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा।चुनाव चिह्न में कोई पाएगा ओखली तो कोई तराजूआयोग की सूची में चुनाव चिन्ह के रूप में ओखली मौजूद है। इसी प्रकार करनी, गदा, चारपाई, टोकरी, डेस्क, तांगा, ड्रम, धनुष, फावड़ा, पालकी, बांसुरी, बैलगाड़ी, आटा चक्की, कुआं, गुल्ली डंडा, भगोना, तलवार, सरौता, टाइप राइटर, तराजू, फावड़ा-बेल्चा, लट्टू, हल, हथ-ठेला, सपेरा, डमरू, फरसा, शंख, खड़ाऊं, , स्लेट, हंसिया, हारमोनियम, कलम दवात आदि चुनाव-चिह्न वर्षों से जस के तस हैं।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मार्च के अंतिम सप्ताह तक अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है। इसके पहले नामांकन की तैयारियों को पूरा कराने में प्रशासन जुटा है। वाराणसी में आपत्तियां देने का दिन  मंगलवार को आखिरी हैं। आज भी जिला पंचायत कार्यालय पर आपत्तियां देने के लिए लाइन लगी पड़ी है। सोमवार को आरक्षण को लेकर 1063 आपत्तियां आईं थीं।

सबसे ज्यादा 1005 शिकायत प्रधान के लिए रहीं। क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 46 और जिला पंचायत सदस्य के लिए 12 आपत्तियां आईं। सोमवार को विकास भवन में आपत्तियां दर्ज कराने वालों की भीड़ लगी रही।

आयोग ने नामांकन पत्र का मूल्य तीन वर्गों में निर्धारित किया है। प्रधान और बीडीसी के लिए 300 रुपये, जिला पंचायत सदस्य के लिए 500 रुपये और ग्राम पंचायत सदस्य के लिए 150 रुपये निर्धारित किया गया है। अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन पत्रों का वितरण निर्धारित स्थानों से होगा।

उम्मीद है कि आगामी 26 मार्च के बाद पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। इसके बाद इन चुनावों के लिए नामांकन दाखिले का सिलसिला शुरू हो जाएगा। वहीं चुनाव और होली का माहौल साथ होने से राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने अधिकारियों को उपद्रवियों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया है। वहीं आरक्षण को लेकर असंतुष्ट लोग आपत्तियां दर्ज करवा रहे हैं।डीपीआरओ शाश्वत आनंद सिंह ने बताया कि 200 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं। मंगलवार तक आने वाली आपत्तियों का निस्तारण कर 26 मार्च को फाइनल सूची जारी की जाएगी। प्रधान पद के लिए काशी विद्यापीठ ब्लाक कार्यालय पर विभिन्न गांवों आरक्षण को लेकर अब तक दस आपत्तियां आईं हैं। आयोग के गाइडलाइन के अनुसार कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन किया जाएगा।