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Bulandshahr Gang Rape Verdict: छात्रा से गैंगरेप-हत्या, हाइवे के तीन हैवानों को बुलंदशहर कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

हाइलाइट्स:बुलंदशहर गैंगरेप और मर्डर के मामले में अदालत ने सुनाई सजातीन साल पुराने मामले में तीनों दोषियों को फांसी की सजा का ऐलान2 जनवरी 2018 को ट्यूशन जाते वक्त घर के पास अगवा हुई थी छात्रापरिवार बोला- फैसले से सुकून मिला, न्याय व्यवस्था पर भरोसा बढ़ाबुलंदशहरछात्रा का अपहरण कर गैंगरेप और फिर हत्या करने के मामले में अदालत ने दोषियों को सजा-ए-मौत का ऐलान किया है। बुलंदशहर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने विशेष समुदाय के तीन युवकों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद छात्रा के परिवार वालों ने फैसले को सही ठहराया है। परिवार का कहना है कि वे दोषियों को फांसी पर लटकता देखना चाहते हैं। बता दें कि, 2 जनवरी 2018 को ट्यूशन से घर वापस आते समय छात्रा आरुषि (बदला हुआ नाम) को कार सवार तीन आरोपियों ने घर के बाहर से अगवा कर लिया था। बाद में उसे गौतम बुद्ध नगर के थाना दादरी एरिया में ले गए। यहां उसके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। तीनों ने गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी और शव को पास से गुजर रहे बंबे में फेंककर फरार हो गए। घटना के तीन दिन बाद छात्रा के शव को पुलिस ने बरामद किया था। करीब 15 दिन बाद घटना का खुलासा करते हुए तीनों आरोपियों को जेल भेजा गया था। बुलंदशहर की पॉक्सो कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही थी। बीती सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए जुल्फिकार, इजराइल उर्फ मालानी और दिलशाद को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। परिवार वालों का कहना है कि भले ही तीनों दोषियों को 2 साल बाद सजा सुनाई गई है, लेकिन फांसी की सजा से उन्हें और बेटी को न्याय मिला है। छात्रा के पिता और माता ने बताया कि हम लोगों को इस मामले में बुलंदशहर कोर्ट से न्याय मिला है। साथ ही साथ जब इन तीनों लोगों को फांसी हो जाएगी तभी मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी और तभी हम लोगों को सम्पूर्ण न्याय मिलेगा। बुलंदशहर कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है यह बहुत बढ़िया फैसला है। इससे हमें काफी सुकून मिला है और न्याय व्यवस्था पर भी विश्वास बढ़ा है। उधर इस मामले में रविंद्र कुमार एडीजीसी ने बताया कि अपहरण गैंगरेप और हत्या का मामला अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट में चल रहा था। मामले में न्यायाधीश राजेश पाराशर ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को दोषी माना।