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वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को मंजूरी, कानून व्यवस्था होगी पहले से और दुरुस्त

लखनऊ और नोएडा के बाद बृहस्पतिवार की रात प्रदेश सरकार ने वाराणसी और कानपुर में भी पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को मंजूरी दे दी। कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए यह प्रदेश सरकार का एक प्रभावी कदम माना जा रहा है। अब वाराणसी में पुलिस महकमे के मुखिया अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) स्तर के अफसर होंगे और वह पुलिस आयुक्त कहलाएंगे।लखनऊ और नोएडा में 15 जनवरी 2020 को पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया था। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम के कारण लखनऊ और नोएडा में कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा और यातायात व्यवस्था में पहले की अपेक्षा सुधार देखते हुए इसे धर्म, संस्कृत, कला और पर्यटन की नगरी काशी में भी लागू करने का निर्णय लिया गया है।डीआईजी/एसएसपी वाराणसी अमित पाठक ने पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम का स्वागत करते हुए कहा कि पुलिसिंग को और बेहतर बनाने के लिए यह एक अच्छी व्यवस्था है। वाराणसी लगभग 40 लाख से ज्यादा की आबादी वाला प्रदेश और देश का एक महत्वपूर्ण जनपद है। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम का सकारात्मक असर आने वाले दिनों में कानून व्यवस्था के साथ ही यातायात व्यवस्था में भी देखने को मिलेगा। बता दें कि वाराणसी नगर क्षेत्र में 18 और ग्रामीण क्षेत्र में 10 थाने हैं।ऐसे समझें क्या है पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम
पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में पुलिस अधिकारी को जिलाधिकारी और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अधिकार मिल जाते हैं। कानून व्यस्था से जुड़े सभी मुद्दों पर पुलिस कमिश्नर निर्णय ले सकते हैं। एसडीएम और एडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रियल पावर भी पुलिस को मिल जाएगी। इससे पुलिस शांतिभंग की आशंका में निरुद्ध करने से लेकर गुंडा एक्ट, गैंगेस्टर एक्ट और रासुका तक की कार्रवाई कर सकेगी। इनके लिए डीएम से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जिले की कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसलों को लेने का अधिकार कमिश्नर के पास होगा। होटल के लाइसेंस, बार के लाइसेंस, हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी इसमें शामिल होगा। धरना-प्रदर्शन की अनुमति देना या न देना और विषम परिस्थिति के समय लाठीचार्ज के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार भी पुलिस कमिश्नर के पास होगा।पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद अधिकारियों के यह पद होंगे
पुलिस कमिश्नर – सीपी
ज्वॉइंट कमिश्नर – जेसीपी
डिप्टी कमिश्नर – डीसीपी
असिस्टेंट कमिश्नर – एसीपी

लखनऊ और नोएडा के बाद बृहस्पतिवार की रात प्रदेश सरकार ने वाराणसी और कानपुर में भी पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को मंजूरी दे दी। कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए यह प्रदेश सरकार का एक प्रभावी कदम माना जा रहा है। अब वाराणसी में पुलिस महकमे के मुखिया अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) स्तर के अफसर होंगे और वह पुलिस आयुक्त कहलाएंगे।

लखनऊ और नोएडा में 15 जनवरी 2020 को पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया था। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम के कारण लखनऊ और नोएडा में कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा और यातायात व्यवस्था में पहले की अपेक्षा सुधार देखते हुए इसे धर्म, संस्कृत, कला और पर्यटन की नगरी काशी में भी लागू करने का निर्णय लिया गया है।

डीआईजी/एसएसपी वाराणसी अमित पाठक ने पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम का स्वागत करते हुए कहा कि पुलिसिंग को और बेहतर बनाने के लिए यह एक अच्छी व्यवस्था है। वाराणसी लगभग 40 लाख से ज्यादा की आबादी वाला प्रदेश और देश का एक महत्वपूर्ण जनपद है। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम का सकारात्मक असर आने वाले दिनों में कानून व्यवस्था के साथ ही यातायात व्यवस्था में भी देखने को मिलेगा। बता दें कि वाराणसी नगर क्षेत्र में 18 और ग्रामीण क्षेत्र में 10 थाने हैं।
ऐसे समझें क्या है पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम