Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

पशुपालन विभाग में भर्ती घोटाले की एसआईटी जांच तीन सप्ताह में पूरा करने का आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पशुपालन विभाग में लाइव स्टॉक एक्सटेंशन ऑफिसर भर्ती में हुए घोटाले की जांच तीन साल में पूरी न कर पाने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने भर्ती घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को तीन सप्ताह में जांच पूरी करने का आखिरी मौका दिया है। कहा है कि फिर भी जांच पूरी नहीं होती तो एसआईटी प्रमुख डायरेक्टर जनरल व्यक्तिगत हलफनामा देकर स्पष्ट करें कि किन कारणों से जांच पूरी नहीं हो पा रही है। याचिका की सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने मोहम्मद अकरम व 5 अन्य की याचिका पर दिया है।कोर्ट ने 21 दिसंबर 17 को तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कमेटी ने चयन में व्यापक अनियमितता होने की रिपोर्ट दी। इसके बाद कोर्ट ने एसआईटी गठित की। जांच लटकी रहने पर कोर्ट ने 30 अप्रैल 20 तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। इसके बावजूद कुछ नहीं किया गया। 23 नवंबर 20 को कोर्ट ने प्रमुख सचिव से रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने तीन माह का समय मांगा। यह अवधि बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने सरकारी मशीनरी के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए तल्ख टिप्पणी की और कहा सरकार समाधान नहीं चाहती।2014 में याचिका दाखिल कर चयन परिणाम को चुनौती गई। कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर धांधली की गई है। आरक्षण भी सही तरीके से लागू नहीं किया गया। परीक्षा में 80 अंक लिखित परीक्षा के और 20 अंक साक्षात्कार के लिए निर्धारित थे। मगर पूरे 100 अंक लिखित परीक्षा में दिए गए। परीक्षा बाहरी एजेंसी कराई गई। चयन समिति को अभ्यर्थियों को प्राप्त अंकों भी जानकारी नहीं थी। कोर्ट ने चयन संबंधी मूल दस्तावेज देखने के बाद एसआईटी जांच का आदेश दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पशुपालन विभाग में लाइव स्टॉक एक्सटेंशन ऑफिसर भर्ती में हुए घोटाले की जांच तीन साल में पूरी न कर पाने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने भर्ती घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को तीन सप्ताह में जांच पूरी करने का आखिरी मौका दिया है। कहा है कि फिर भी जांच पूरी नहीं होती तो एसआईटी प्रमुख डायरेक्टर जनरल व्यक्तिगत हलफनामा देकर स्पष्ट करें कि किन कारणों से जांच पूरी नहीं हो पा रही है। याचिका की सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने मोहम्मद अकरम व 5 अन्य की याचिका पर दिया है।

कोर्ट ने 21 दिसंबर 17 को तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कमेटी ने चयन में व्यापक अनियमितता होने की रिपोर्ट दी। इसके बाद कोर्ट ने एसआईटी गठित की। जांच लटकी रहने पर कोर्ट ने 30 अप्रैल 20 तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। इसके बावजूद कुछ नहीं किया गया। 23 नवंबर 20 को कोर्ट ने प्रमुख सचिव से रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने तीन माह का समय मांगा। यह अवधि बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने सरकारी मशीनरी के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए तल्ख टिप्पणी की और कहा सरकार समाधान नहीं चाहती।

2014 में याचिका दाखिल कर चयन परिणाम को चुनौती गई। कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर धांधली की गई है। आरक्षण भी सही तरीके से लागू नहीं किया गया। परीक्षा में 80 अंक लिखित परीक्षा के और 20 अंक साक्षात्कार के लिए निर्धारित थे। मगर पूरे 100 अंक लिखित परीक्षा में दिए गए। परीक्षा बाहरी एजेंसी कराई गई। चयन समिति को अभ्यर्थियों को प्राप्त अंकों भी जानकारी नहीं थी। कोर्ट ने चयन संबंधी मूल दस्तावेज देखने के बाद एसआईटी जांच का आदेश दिया है।