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वीडियो वायरल कर छवि धूमिल करने के मामले में मुकदमा दर्ज

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से हो रही भर्ती में घूस मांगने के आरोप से संबंधित वीडियो वायरल होने के मामले में रविवार को मुकदमा दर्ज कर लिया गया। संबंधित एजेंसी के निदेशक ने तहरीर देकर कंसंल्टेंसी फर्म के मैनेजर व निदेशक पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि वीडियो बनाकर न सिर्फ उनकी कंपनी बल्कि इविवि प्रशासन की भी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई। इस मामले में सन फैसिलिटी सर्विसेज के निदेशक रविकांत तिवारी की ओर से एक दिन पहले लिखित शिकायत कर्नलगंज पुलिस से की  गई थी। जिसमें बताया गया था कि उनकी कंपनी सन फैसिलिटी सर्विसेज को इविवि मेें मैनपॉवर आउटसोर्सिंग का काम मिला है। जिसके लिए साक्षात्कार कराया जा रहा है। शनिवार को एक वीडियो वायरल होने की जानकारी मिली।इसमें कुछ लोग उनके कंपनी के नाम पर अभ्यर्थियों के चयन के लिए पैसे मांग रहे हैं जिसका कारण ठेका प्राप्त करने के लिए घूस दिया जाना बता रहे हैं। निदेशक का कहना है कि उनकी कंपनी ने ठेका ई टेंडर व स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माध्यम से प्राप्त किया है। फर्जी आरोप लगाकर वीडियो वायरल करना एक सोची समझी साजिश है। जो उनकी कंपनी की छवि धूमिल करने के लिए बनाया गया है। कर्नलगंज पुलिस ने बताया कि तहरीर में लगाए गए आरोपों के आधार पर कंसल्टेंसी फर्म के मैनेजर व निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जांच पड़ताल की जा रही है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से हो रही भर्ती में घूस मांगने के आरोप से संबंधित वीडियो वायरल होने के मामले में रविवार को मुकदमा दर्ज कर लिया गया। संबंधित एजेंसी के निदेशक ने तहरीर देकर कंसंल्टेंसी फर्म के मैनेजर व निदेशक पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि वीडियो बनाकर न सिर्फ उनकी कंपनी बल्कि इविवि प्रशासन की भी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई।

इस मामले में सन फैसिलिटी सर्विसेज के निदेशक रविकांत तिवारी की ओर से एक दिन पहले लिखित शिकायत कर्नलगंज पुलिस से की  गई थी। जिसमें बताया गया था कि उनकी कंपनी सन फैसिलिटी सर्विसेज को इविवि मेें मैनपॉवर आउटसोर्सिंग का काम मिला है। जिसके लिए साक्षात्कार कराया जा रहा है। शनिवार को एक वीडियो वायरल होने की जानकारी मिली।

इसमें कुछ लोग उनके कंपनी के नाम पर अभ्यर्थियों के चयन के लिए पैसे मांग रहे हैं जिसका कारण ठेका प्राप्त करने के लिए घूस दिया जाना बता रहे हैं। निदेशक का कहना है कि उनकी कंपनी ने ठेका ई टेंडर व स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माध्यम से प्राप्त किया है। फर्जी आरोप लगाकर वीडियो वायरल करना एक सोची समझी साजिश है। जो उनकी कंपनी की छवि धूमिल करने के लिए बनाया गया है। कर्नलगंज पुलिस ने बताया कि तहरीर में लगाए गए आरोपों के आधार पर कंसल्टेंसी फर्म के मैनेजर व निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जांच पड़ताल की जा रही है।