Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Holi 2021 : होलिकाओं में कोरोना संग कष्टों-विकारों का दहन

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

कोरोना के खौफ के बीच शहर से ग्राम्यांचलों तक रविवार की शाम असत्य और बुराई की प्रतीक होलिकाओं का दहन किया गया। इस बार होलिकाओं में लोगों ने कोरोना के भी प्रतीक उपले जलाए। बुराइयों की प्रतीक होलिकाओं में वर्ष भर के कष्ट- विकार भी जलाए गए। सोमवार को संगम से शहर की हर सड़कों, गलियों तक रंगों की बौछार होगी। असत्य और बुराई की प्रतीक होलिकाओं का दहन रविवार की शाम प्रदोष काल में ही आरंभ हो गया। भद्राकाल न होने की वजह से लोग शाम छह बजे के बाद से ही होलिका दहन के लिए घरों से निकलने लगे।  जौ, गेहूं और तीसी की बालियों के साथ परिक्रमा कर अच्छाई को ग्रहण करने का संकल्प लिया गया। शाम होते ही युवकों की टोलियां गले में ढोल, नगाड़ा लटका कर बाजे गाजे के साथ घर-घर पहुंचने लगीं। पुरोहितों ने होलिकाओं की सविधि पूजा की। इस दौरान ढुंढा राक्षसी की भी पूजा की गई।
इसके बाद होलिकाओं में आग लगाई गई। लोगों ने गोबर और आटे की लोइयों से बनी माला के अलावा शरीर से उतारे गए उबटन को विकारों के रूप में होलिकाओं में समर्पित किया। कोरोना के नाम पर भी उपले लेकर लोगों ने होलिकाओं की परिक्रमा की और उसे आग के हवाले कर दिया। होलिकओं में आग लगने के साथ ही तीसी और जौ से परिक्रमा की जाती रही। किसी ने पांच तो किसी ने 11 बार जौ, गेहूं की बालियों से होलिकाओं की परिक्रमा की। कहीं होलिकाओं की राख से तिलक लगाकर शुभकामनाएं दी गईं तो कहीं लोग होलिका की आग भी शुभ के तौर पर घर ले गए।  
होलिका दहन के दौरान लोगों ने अच्छाई ग्रहण करने का संकल्प लिया। हालांकि शबे बरात होने की वजह से होलिका दहन के दौरान पुलिस हर इलाकों में सजग रही। फिर भी, आपसी सौहार्द के साथ दोनों समुदायों के लोग घरों से निकले। इस दौरान चौक, लोकनाथ, बहादुरगंज, मुट्ठीगंज, कीडगंज, घंटाघर, जानसेनगंज, लीडर रोड, बैरहना, नीम सराय, खुल्दाबाद के अलावा कटरा, आनंद भवन, कमला नेहरू रोड, चर्च लेन, हाशिमपुर रोड, अल्लापुर, बाघाड़ा, सुलेमसराय समेत शहर भर में सौहार्द के साथ होलिकाओं का दहन किया गया।रंगोत्सव आज, शहर में तीन दिन मनेगी होलीरंगोत्सव सोमवार को मनाया जाएगा। शहर में सोमवार से तीन दिन तक सड़कों पर रंगों की बौछार होगी। विश्व विख्यात लोकनाथ की कपड़ा फाड़ होली होली को कोरोना संक्रमण के बावजूद लोग यादगार बनाने के लिए तैयार हैं। कोरोना संक्रमण नियंत्रण में रहा और प्रतिबंध नहीं लगे तो लोकनाथ की कपड़ाफाड़ होली इस बार भी देखने लायक होगी। 

कोरोना के खौफ के बीच शहर से ग्राम्यांचलों तक रविवार की शाम असत्य और बुराई की प्रतीक होलिकाओं का दहन किया गया। इस बार होलिकाओं में लोगों ने कोरोना के भी प्रतीक उपले जलाए। बुराइयों की प्रतीक होलिकाओं में वर्ष भर के कष्ट- विकार भी जलाए गए। सोमवार को संगम से शहर की हर सड़कों, गलियों तक रंगों की बौछार होगी। 

असत्य और बुराई की प्रतीक होलिकाओं का दहन रविवार की शाम प्रदोष काल में ही आरंभ हो गया। भद्राकाल न होने की वजह से लोग शाम छह बजे के बाद से ही होलिका दहन के लिए घरों से निकलने लगे।  जौ, गेहूं और तीसी की बालियों के साथ परिक्रमा कर अच्छाई को ग्रहण करने का संकल्प लिया गया। शाम होते ही युवकों की टोलियां गले में ढोल, नगाड़ा लटका कर बाजे गाजे के साथ घर-घर पहुंचने लगीं। पुरोहितों ने होलिकाओं की सविधि पूजा की। इस दौरान ढुंढा राक्षसी की भी पूजा की गई।

holi
– फोटो : pexel

इसके बाद होलिकाओं में आग लगाई गई। लोगों ने गोबर और आटे की लोइयों से बनी माला के अलावा शरीर से उतारे गए उबटन को विकारों के रूप में होलिकाओं में समर्पित किया। कोरोना के नाम पर भी उपले लेकर लोगों ने होलिकाओं की परिक्रमा की और उसे आग के हवाले कर दिया। होलिकओं में आग लगने के साथ ही तीसी और जौ से परिक्रमा की जाती रही। किसी ने पांच तो किसी ने 11 बार जौ, गेहूं की बालियों से होलिकाओं की परिक्रमा की। कहीं होलिकाओं की राख से तिलक लगाकर शुभकामनाएं दी गईं तो कहीं लोग होलिका की आग भी शुभ के तौर पर घर ले गए।  

होली की शुभकामनाएं
– फोटो : iStock

होलिका दहन के दौरान लोगों ने अच्छाई ग्रहण करने का संकल्प लिया। हालांकि शबे बरात होने की वजह से होलिका दहन के दौरान पुलिस हर इलाकों में सजग रही। फिर भी, आपसी सौहार्द के साथ दोनों समुदायों के लोग घरों से निकले। इस दौरान चौक, लोकनाथ, बहादुरगंज, मुट्ठीगंज, कीडगंज, घंटाघर, जानसेनगंज, लीडर रोड, बैरहना, नीम सराय, खुल्दाबाद के अलावा कटरा, आनंद भवन, कमला नेहरू रोड, चर्च लेन, हाशिमपुर रोड, अल्लापुर, बाघाड़ा, सुलेमसराय समेत शहर भर में सौहार्द के साथ होलिकाओं का दहन किया गया।रंगोत्सव आज, शहर में तीन दिन मनेगी होलीरंगोत्सव सोमवार को मनाया जाएगा। शहर में सोमवार से तीन दिन तक सड़कों पर रंगों की बौछार होगी। विश्व विख्यात लोकनाथ की कपड़ा फाड़ होली होली को कोरोना संक्रमण के बावजूद लोग यादगार बनाने के लिए तैयार हैं। कोरोना संक्रमण नियंत्रण में रहा और प्रतिबंध नहीं लगे तो लोकनाथ की कपड़ाफाड़ होली इस बार भी देखने लायक होगी।