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राजेंद्री देवी बनीं यूपी की नंबर वन गन्ना किसान

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शिक्षा के क्षेत्र में यूपी के उत्कृष्ट शिक्षक का सम्मान पा चुके हैं वीरेंद्र
बिजुआ। यूपी में गन्ना उत्पादन में पौधा संवर्ग में एक बार फिर से खीरी जिले और बिजुआ को पहला स्थान मिला है। इस बार मां-बेटे की जुगलबंदी से यह पुरस्कार मिला है। गन्ना विकास विभाग की ओर से कराई गई प्रतियोगिता के दो संवर्ग में 120 किसानों ने आवेदन किया था। जल्द ही समारोह आयोजित कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।बिजुआ कस्बे के जगेश्वर प्रसाद शुक्ला की पत्नी राजेंद्री देवी ने प्रदेश में पौध संवर्ग में एक हेक्टेयर में 2471 क्विंटल गन्ना उत्पादन कर पहला स्थान हासिल किया है। उन्हें पुरस्कार के रूप में 50 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जाना है। राजेंद्री देवी ने इसका श्रेय अपने शिक्षक पुत्र वीरेंद्र शुक्ला को दिया है। राजेंद्री देवी खीरी जिले की पहली महिला किसान हैं, जिन्हें यह पुरस्कार मिल रहा है।बझेड़ा गांव के पूर्व माध्यमिक स्कूल शिक्षक और यूपी में नंबर वन उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार पा चुके वीरेंद्र शुक्ला के साथी अचल मिश्रा पाले और अमरीक सिंह बिट्टू लगातार कई बार गन्ना उत्पादन में पहला स्थान पाकर मुख्यमंत्री से मिल चुके थे। वीरेंद्र शुक्ला को यहीं से प्रेरणा मिली, वीरेंद्र शुक्ला ने अपनी माता राजेंद्री देवी को यूपी का नंबर वन गन्ना उत्पादन का पुरस्कार दिलाने की ठान ली। वीरेंद्र ने माता के खेत में 0238 वैरायटी के गन्ने की बुआई की और इस बार क्रॉप कटिंग से जो रिजल्ट आया उसमें पहले खीरी जिले में नंबर वन फिर यूपी में भी नंबर वन का मुकाम हासिल किया।

शिक्षा के क्षेत्र में यूपी के उत्कृष्ट शिक्षक का सम्मान पा चुके हैं वीरेंद्र

बिजुआ। यूपी में गन्ना उत्पादन में पौधा संवर्ग में एक बार फिर से खीरी जिले और बिजुआ को पहला स्थान मिला है। इस बार मां-बेटे की जुगलबंदी से यह पुरस्कार मिला है। गन्ना विकास विभाग की ओर से कराई गई प्रतियोगिता के दो संवर्ग में 120 किसानों ने आवेदन किया था। जल्द ही समारोह आयोजित कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।

बिजुआ कस्बे के जगेश्वर प्रसाद शुक्ला की पत्नी राजेंद्री देवी ने प्रदेश में पौध संवर्ग में एक हेक्टेयर में 2471 क्विंटल गन्ना उत्पादन कर पहला स्थान हासिल किया है। उन्हें पुरस्कार के रूप में 50 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जाना है। राजेंद्री देवी ने इसका श्रेय अपने शिक्षक पुत्र वीरेंद्र शुक्ला को दिया है। राजेंद्री देवी खीरी जिले की पहली महिला किसान हैं, जिन्हें यह पुरस्कार मिल रहा है।