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चुनाव ड्यूटी में लापरवाही पर अध्यापक के खिलाफ कार्यवाही पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब हाईकोर्ट के आदेश और अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत अध्यापक को चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जा सकता है तो उसके खिलाफ चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने की विभागीय कार्यवाही किस आधार पर शुरु की गई है। कोर्ट ने अध्यापक के खिलाफ चल रही विभागीय कार्यवाही पर रोक लगा दी है।  देवरिया के सहायक अध्यापक की याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। साथ ही याची के खिलाफ 7 दिसंबर 20 के आदेश के तहत चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है तथा याची को सेवा में बने रहने, अध्यापन कार्य करने व वेतन भुगतान जारी रखने का भी निर्देश दिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने कृष्ण चंद्र सिंह की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि अनिवार्य शिक्षा कानून के उपबंधों व सुनीता शर्मा केस के फैसले के अनुसार अध्यापकों से चुनाव ड्यूटी नहीं ली जा सकती। ऐसा करने से अध्यापन कार्य में बाधा आएगी। ऐसे में  जिसे चुनाव ड्यूटी में भेजा नहीं जा सकता, उसके लापरवाही बरतने के आरोप में विभागीय कार्यवाही करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब हाईकोर्ट के आदेश और अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत अध्यापक को चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जा सकता है तो उसके खिलाफ चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने की विभागीय कार्यवाही किस आधार पर शुरु की गई है। कोर्ट ने अध्यापक के खिलाफ चल रही विभागीय कार्यवाही पर रोक लगा दी है।  देवरिया के सहायक अध्यापक की याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। साथ ही याची के खिलाफ 7 दिसंबर 20 के आदेश के तहत चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है तथा याची को सेवा में बने रहने, अध्यापन कार्य करने व वेतन भुगतान जारी रखने का भी निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने कृष्ण चंद्र सिंह की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि अनिवार्य शिक्षा कानून के उपबंधों व सुनीता शर्मा केस के फैसले के अनुसार अध्यापकों से चुनाव ड्यूटी नहीं ली जा सकती। ऐसा करने से अध्यापन कार्य में बाधा आएगी। ऐसे में  जिसे चुनाव ड्यूटी में भेजा नहीं जा सकता, उसके लापरवाही बरतने के आरोप में विभागीय कार्यवाही करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।