गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष और पत्रिका कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका (87) का शनिवार को निधन हो गया। केदार घाट स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। पुत्र राजा राम खेमका ने मुखाग्नि दी।निधन की सूचना मिलते ही शोक व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। राधेश्याम 15 दिन से अस्वस्थ चल रहे थे। वह अपने पीछे पुत्र राजाराम, पुत्री राज राजेश्वरी देवी चोखानी, भतीजे गोपाल राय खेमका, कृष्ण कुमार, गणेश समेत नाती-पोतों से भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।राधेश्याम ने 40 वर्षों से गीता प्रेस में अपनी भूमिका का निर्वहन कर अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया। उनके पिता सीताराम खेमका मूलरूप से बिहार के मुंगेर जिले से आए थे। वह मारवाड़ी सेवा संघ, मुमुक्षु भवन, श्रीराम लक्ष्मी मारवाड़ी अस्पताल गोदौलिया, बिड़ला अस्पताल मछोदरी, काशी गोशाला ट्रस्ट से जुड़े रहे। वह कागज व्यवसाय से भी जुड़े रहे।
गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष और पत्रिका कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका (87) का शनिवार को निधन हो गया। केदार घाट स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। पुत्र राजा राम खेमका ने मुखाग्नि दी।
निधन की सूचना मिलते ही शोक व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। राधेश्याम 15 दिन से अस्वस्थ चल रहे थे। वह अपने पीछे पुत्र राजाराम, पुत्री राज राजेश्वरी देवी चोखानी, भतीजे गोपाल राय खेमका, कृष्ण कुमार, गणेश समेत नाती-पोतों से भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
राधेश्याम ने 40 वर्षों से गीता प्रेस में अपनी भूमिका का निर्वहन कर अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया। उनके पिता सीताराम खेमका मूलरूप से बिहार के मुंगेर जिले से आए थे। वह मारवाड़ी सेवा संघ, मुमुक्षु भवन, श्रीराम लक्ष्मी मारवाड़ी अस्पताल गोदौलिया, बिड़ला अस्पताल मछोदरी, काशी गोशाला ट्रस्ट से जुड़े रहे। वह कागज व्यवसाय से भी जुड़े रहे।
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