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स्कूलों में क्या धार्मिक शिक्षा दी जानी चाहिए, पीसीएस-2020 के इंटरव्यू में पूछा गया सवाल

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‘स्कूलों में क्या धार्मिक शिक्षा दी जानी चाहिए?’, ‘पंथ रिपेक्षता भारत के संविधान में बाद में क्यों जोड़ी गई?’, ‘धर्म निरपेक्षता क्या है?’ ये सवाल पीसीएस-2020 के इंटरव्यू के चौथे दिन एक अभ्यर्थी से पूछे गए। रविवार के साप्ताहिक अवकाश पर भी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में साक्षात्कार आयोजित किया गया। हालांकि साप्ताहिक अवकाश पर इंटरव्यू एक पाली में हुआ। 56 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, जिनमें से 54 ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और दो अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार छोड़ दिया।
एक अन्य अभ्यर्थी से सवाल किया गया कि सूखा प्रभावित क्षेत्र में लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। एसडीएम के रूप में आप क्या करेंगे? इसके अलावा एक सवाल था, ‘अपनी तीन खूबियां बताएं जो आपको एसडीएम बना दें?’ एक अभ्यर्थी से पूछा, ‘किसान आंदोलन जो हो रहा है, वह सही है या गलत?’, देश को स्वतंत्रता मिलने से पहले भी क्या किसान आंदोलन हुआ था?’ ‘पटेल जी का रोल किस आंदोलन में सबसे ज्यादा था और आंदोलन का कारण क्या था?’ इंटरव्यू देकर आयोग परिसर से बाहर निकले अभ्यर्थी ने बताया कि किसान आंदोलन के मुद्दे पर उससे लगातार कई सवाल पूछे गए। यह भी पूछा गया कि यूपी में कितनी भाषाएं बोली जाती हैं? एक सवाल यह भी था कि मोदी की बांग्लादेश दौरे पर कौटिल्य नीति की व्याख्या किस तरह से करेंगे?
इलाहाबाद हाईकोर्ट पर भी पूछे गए गई सवाल
इंटरव्यू के दौरान एक अभ्यर्थी से इलाहाबाद हाईकोर्ट से जुड़े कई सवाल पूछे गए। पूर्व में नायब तहसीलदार के पद पर चयनित एक अभ्यर्थी से पूछा गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का नाम बताएं? इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ कहां है? इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच में जज के कितने पद स्वीकृत है? इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्थापना कब हुई और इसके साथ किन न्यायालयों की स्थापना हुई? रिट क्या है? इसके साथ ही सीआरपीसी सेक्शन 482 के बारे में भी पूछा।
ये सवाल भी पूछे गए
दक्षिण भारत के किसी राजवंश का नाम बताएं
अंकोरवाट मंदिर के बारे में बताएं