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बीजापुर के नक्सली हमले में शहीद हुआ चंदौली का लाल, गांव में जुटी लोगों की भीड़ 

छत्तीसगढ़ के बीजापुर के तरेम थाना के जोन्नगुड़ा जंगल में शनिवार दोपहर में हुए नक्सली हमले में चंदौली का लाल धर्मदेव कुमार (32) पुत्र रामाश्रय गुप्ता भी शहीद हो गए। रविवार की देर शाम धर्मदेव के शहीद होने की खबर मिलते ही शहाबगंज पैतृक आवास पर कोहराम मच गया है।  शहाबगंज थाना के ठेकहां बड़ागांव निवासी किसान रामाश्रय गुप्ता के तीन पुत्रों में सबसे बड़े धर्मदेव ने बचपन से ही फोर्स में जाने का सपना देखा था। परिवारवालों ने बताया कि होली के दस दिन पहले  ही जल्द लौटने का वादा कर धर्मदेव गांव से गए थे।क्या पता था उनके आने से पहले उनकी शहादत की खबर मिलेगी। धर्मदेव की शादी (14 वर्ष) रामनगर के मन्नापुर में मीना देवी से हुई। दो बेटियां क्रमश: ज्योति (आठ) और साक्षी (दो वर्ष) हैं। पत्नी मीना गर्भवती हैं। हमले की खबर मिलते ही परिवार वालों में सन्नाटा पसर गया।वे छोटे बेटे को फोन लगाकर बार-बार पूछते लेकिन छोटे बेटे को भी बड़े भाई की पूरी जानकारी नहीं थी। रविवार की शाम शहादत की खबर मिलते ही छोटा भाई भी घर के लिए चल चुका है। पिता रामाश्रय, माता कृष्णावती देेवी, पत्नी मीना का रो-रोकर हाल बेहाल है। धर्मदेव का बचपन से ही सैन्य सेवा में जाने का था सपनाधर्मदेव के बचपन के मित्र गांव निवासी इनाम खान, राजीव, गुड्डू आदि ने बताया कि शुरुआती शिक्षा के बाद वह पढ़ाई के साथ दौड़ आदि पर ध्यान देने लगे। यही नहीं अपने सबसे छोटे भाई धनंजय को भी प्रेरित करते थे। इसका नतीजा यह रहा कि दोनों भाई वर्ष 2012-13 में सीआरपीएफ में भर्ती हो गए।मझले भाई आनंद गुप्ता परचून की दुकान चलाते हैं। कुछ वर्ष पहले ही धर्मदेव सीआरपीएफ के स्पेशल ग्रुप कोबरा बटालियन में कमांडो बन गए और छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तैनाती मिली। वहीं छोटा भाई भी सीआरपीएफ में जवान के रूप में छत्तीसगढ़ में ही तैनात है।रविवार की शाम धर्मदेव की शहादत की खबर मिलते ही परिवार सहित पूरे गांव में कोहराम मच गया। लोगों की भीड़ धर्मदेव के घर पर उमड़ पड़ी। वहीं एसडीएम चकिया अजय मिश्र, सीओ प्रीति त्रिपाठी, लेखपाल आकिफ, थानाध्यक्ष वंदना सिंह शहीद के आवास पर पहुंचे।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर के तरेम थाना के जोन्नगुड़ा जंगल में शनिवार दोपहर में हुए नक्सली हमले में चंदौली का लाल धर्मदेव कुमार (32) पुत्र रामाश्रय गुप्ता भी शहीद हो गए। रविवार की देर शाम धर्मदेव के शहीद होने की खबर मिलते ही शहाबगंज पैतृक आवास पर कोहराम मच गया है।

शहाबगंज थाना के ठेकहां बड़ागांव निवासी किसान रामाश्रय गुप्ता के तीन पुत्रों में सबसे बड़े धर्मदेव ने बचपन से ही फोर्स में जाने का सपना देखा था। परिवारवालों ने बताया कि होली के दस दिन पहले  ही जल्द लौटने का वादा कर धर्मदेव गांव से गए थे।

क्या पता था उनके आने से पहले उनकी शहादत की खबर मिलेगी। धर्मदेव की शादी (14 वर्ष) रामनगर के मन्नापुर में मीना देवी से हुई। दो बेटियां क्रमश: ज्योति (आठ) और साक्षी (दो वर्ष) हैं। पत्नी मीना गर्भवती हैं। हमले की खबर मिलते ही परिवार वालों में सन्नाटा पसर गया।
वे छोटे बेटे को फोन लगाकर बार-बार पूछते लेकिन छोटे बेटे को भी बड़े भाई की पूरी जानकारी नहीं थी। रविवार की शाम शहादत की खबर मिलते ही छोटा भाई भी घर के लिए चल चुका है। पिता रामाश्रय, माता कृष्णावती देेवी, पत्नी मीना का रो-रोकर हाल बेहाल है।
धर्मदेव का बचपन से ही सैन्य सेवा में जाने का था सपना
धर्मदेव के बचपन के मित्र गांव निवासी इनाम खान, राजीव, गुड्डू आदि ने बताया कि शुरुआती शिक्षा के बाद वह पढ़ाई के साथ दौड़ आदि पर ध्यान देने लगे। यही नहीं अपने सबसे छोटे भाई धनंजय को भी प्रेरित करते थे। इसका नतीजा यह रहा कि दोनों भाई वर्ष 2012-13 में सीआरपीएफ में भर्ती हो गए।

दना सिंह शहीद के आवास पर पहुंचे।