हाइलाइट्स:बाबरी मस्जिद पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन के अध्यक्ष पर बड़ा आरोप लगाया हैउन्होंने कहा है कि यह ट्रस्ट एक निजी ट्रस्ट है, लोग इस पर विश्वास नहीं कर रहे हैं ट्रस्ट बने 16 महीने बीत चुके हैं, इस अवधि में मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट महज 20 लाख रुपए ही एकत्र कर पाया हैमयंक श्रीवास्तव, अयोध्याबाबरी मस्जिद पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन के अध्यक्ष पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि यह ट्रस्ट एक निजी ट्रस्ट है। लोग इस पर विश्वास नहीं कर रहे। ट्रस्ट बने 16 महीने बीत चुके हैं। इस अवधि में मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट महज 20 लाख रुपए ही एकत्र कर पाया है।बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने बताया कि ट्रस्ट के लोग बता रहे हैं कि अभी तक 20 लाख रुपये ही आए हैं जबकि राम मंदिर में करोड़ों रुपए आ चुके हैं। यह सब भगवान राम की देन है उन्हें मानने वाले पूरी दुनिया में लोग मौजूद हैं। वहीं मस्जिद के लिए जफर फारूकी का बना ट्रस्ट उनका निजी ट्रस्ट है। ट्रस्ट के लोग यदि सामाजिक होते तो मस्जिद निर्माण के लिए भी बहुत सा पैसा आता।’ अंसारी का कहना है कि ये लोग सामाजिक नहीं हैं। लोग इन्हें जानते नहीं इसके ऊपर विश्वास नहीं करते हैं इसलिए अभी तक 20 लाख रुपये ही जुटा पाए हैं। हम चाहते हैं कि ट्रस्ट में फेरबदल किया जाए जब तक ट्रस्टी नहीं बदले जाएंगे तब तक लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा नहीं ले सकेंगे।दरअसल 9 नवंबर 2019 को अयोध्या विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ भूमि आवंटित की गई। मस्जिद के लिए भूमि उपलब्ध होने के बाद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने ही इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना की। इकबाल अंसारी
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