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UP panchayat chunav: यूपी पंचायत चुनाव में कोरोना वायरस का असर, ‘शोर’ के बिना लगा रहे ‘जोर’, ऐसे हो रहा प्रचार

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लखनऊयूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। लखनऊ में होने वाले पंचायत चुनाव में इस बार कोरोना के संक्रमण का खौफ साफ नजर आ रहा है। उम्मीदवार लाउडस्पीकर के शोर और समर्थकों की नारेबाजी के बिना ही कुर्सी हासिल करने के लिए जोर लगा रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवारों के अलावा तीनों पदों के उम्मीदवार गर्मी में पैदल चल कर ही हर दहलीज तक पसीना बहा रहे हैं।पंचायत चुनाव के चुनावी रंग को कोविड-19 की दूसरी लहर ने फीका कर दिया है। संक्रमण की जद से खुद को और समर्थकों को बचाते हुए ही उम्मीदवार प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। बीकेटी इलाके में एक प्रत्याशी के लिए पूरी ताकत झोंक रहे सुधाकर ने बताया कि इस बार प्रत्याशी बिना शोर शराबा किए वोटरों तक पहुंच रहे और उनसे जीत का आशीर्वाद मांग रहे हैं। इस दौरान उम्मीदवार कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी एहतियात बरत रहे हैं।समर्थकों की अलग-अलग दिन के लिए बनाई टोलीमलिहाबाद इलाके के एक उम्मीदवार को बाहर से समर्थन दे रहे राम सेवक ने बताया कि उम्मीदवारों ने वोटरों तक पहुंचने और उनसे जीत का आशीर्वाद लेने के लिए समर्थकों को टोलियों में बांट लिया है। धारा-144 लागू होने से उम्मीदवार एक साथ पांच से अधिक लोगों को लेकर नहीं चल सकते हैं। इसीलिए उम्मीदवार जहां खुद नहीं पहुंच पा रहे वहां अपने साथ खुलकर समर्थन करने वालों के नेतृत्व में पांच-पांच की टोलियां बनाकर प्रचार करवा रहे हैं। वाहन से चलने की अनुमति न होने से समर्थकों को भी उम्मीदवारों के साथ पैदल चल कर पसीना बहाना पड़ रहा है।पोस्टर-बैनर पर भी नहीं है फोकसत्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हर बार की तरह इस बार उम्मीदवारों का फोकस पोस्टर व बैनर पर भी काफी कम है। लालबाग स्थित एक दुकान के संचालक मो रियाज ने बताया कि हर बार पंचायत चुनाव में काफी ऑर्डर आते थे, लेकिन इस बार पिछली बार की अपेक्षा एक चौथाई ऑर्डर ही बैनर पोस्टर के मिले हैं। उम्मीदवारों में इस बार पहले की तरह बैनर व पोस्टर से प्रचार करने की रुचि नजर नहीं आ रही है। इसकी वजह से कारीगरों को भी काफी नुकसान हो रहा है।प्रशासन की टीमें भी रख रहीं प्रत्याशियों पर नजरग्रामीण इलाकों में अपनी जीत हासिल करने के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे उम्मीदवारों पर जिला प्रशासन की टीमें नजर रख रही हैं। जिला पंचायत सदस्य से लेकर ग्राम प्रधान तक के उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा तय कर दी गई है। इसके साथ ही उन्हें हिदायत दी गई है कि किसी के घर या बाउंड्री पर बिना अनुमति के बैनर या पोस्टर नहीं लगाएंगे। यही नहीं अपना वर्चस्व कायम करने के लिए अगर किसी प्रत्याशी ने जाति या धर्म को आधार पर बनाकर प्रचार-प्रसार किया तो उस पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। एडीएम प्रशासन एपी सिंह का कहना है कि टीमें हर पहलू पर नजर रख रही हैं।