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कोरोना संकट 2.0: उत्तर प्रदेश का ये फॉर्मूला अपनाएं केजरीवाल तो लाखों लोगों को रोज मिलेगी भारी राहत

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आईआईटी ग्रेजुएट हैं। उनकी उच्च शिक्षा का असर दिल्ली सरकार सरकार की योजनाओं और उनके क्रियान्वयन के तरीके में भी दिखाई पड़ता है। उन्होंने 40 से ज्यादा सेवाएं घर बैठे या ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराकर जनता को भारी राहत प्रदान की है। कोरोना मामले में भी केजलीवाल ने दिल्ली कोरोना एप बनाकर लोगों को सूचना देने में तत्परता दिखाई थी, लेकिन एक सेवा के मामले में अगर वे उत्तर प्रदेश या राजस्थान का फार्मूला अपनाएं तो दिल्ली के लाखों लोगों को वे रोजाना भारी मदद पहुंचा सकते हैं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार ने अपने यहां कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट देखने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बना रखा है। उत्तर प्रदेश का कोई भी व्यक्ति जिसने अपना कोरोना टेस्ट करवा रखा है, वह वेबसाइट (labreports.upcovid19tracks.in) पर जाकर केवल अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर अपनी कोरोना रिपोर्ट चंद सेकंड में देख लेता है।राजस्थान के किसी व्यक्ति को अपनी कोरोना रिपोर्ट पाने के लिए वेबसाइट (http://103.203.138.175) पर जाकर अपनी आईडी और मोबाइल नंबर दर्ज करना पड़ता है। इसके बाद एक बटन क्लिक करते ही कोरोना रिपोर्ट प्राप्त हो जाती है। लेकिन दिल्ली के लोगों को अपनी रिपोर्ट पाने के लिए अभी भी हार्ड कॉपी पर निर्भर रहना पड़ता है।अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है, तो भी उसे अपना सैंपल देने और रिपोर्ट लाने के लिए इन सेंटरों पर जाना पड़ता है। अपने आने-जाने के इस क्रम में इस बात की आशंका बरकरार रहती है कि वह इस दौरान दर्जनों अन्य लोगों को भी कोरोना का शिकार बना दे। दिल्ली की कुछ ही प्राइवेट लैब्स अपनी रिपोर्ट मरीजों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान कर रही हैं। यही सुविधा कोरोना मरीजों के लिए भी अपनाई जा सकती है।
हर जगह रिपोर्ट के लिए दो से तीन का इंतज़ार
सामान्य तौर पर कोरोना की रिपोर्ट चौबीस घंटे के अंदर मिल जानी चाहिए। इससे मरीजों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने और उनसे किसी और को होने वाले संक्रमण को रोकने में अच्छी मदद मिल जाती है। लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण हर जगह कोरोना रिपोर्ट आने का इंतज़ार बढ़ गया है।लखनऊ के एक प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान के एक स्वास्थ्यकर्मी के अनुसार कोरोना रिपोर्ट पाने के लिए तीन से चार दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है। चूंकि कोरोना रिपोर्ट आने के पहले किसी मरीज को सामान्य वार्ड में नहीं रखा जा रहा है, इसलिए उन्हें इस दौरान उचित इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। इससे मरीजों की समस्या बढ़ गई है। दिल्ली में भी इसी प्रकार कोरोना रिपोर्ट के लिए दो से तीन दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है।
दिल्ली ने किया था सबसे पहला प्रयोग
हालांकि, कोरोना संक्रमण की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार ने सबसे पहले दिल्ली कोरोना (Delhi Corona) एप बनाया था। इस एप पर दिल्ली के लोग घर बैठे इस बात की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि राजधानी में इस समय कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति क्या है और बेड्स के लिए उन्हें किस अस्पताल में जाना चाहिए। एप पर किस अस्पताल में वेंटिलेटर बेड्स, आईसीयू बेड्स और सामान्य बेड्स की भी जानकारी दी गई है।इसे रोजाना दिन में दो बार अपडेट भी किया जाता है, ताकि लोगों को पता चल सके कि बेड पाने के लिए उन्हें किस अस्पताल में जाना चाहिए। इस एप पर लोगों को कोरोना से बचने के तरीके और सलाह केंद्र या हेल्प लाइन की जानकारी भी दी गई है। इस मामलें में दूसरे राज्य दिल्ली का मॉडल अपना सकते हैं। लेकिन राजधानी में कोरोना रिपोर्ट के लिए लोगों को आज भी हार्ड कॉपी पर ही निर्भर रहना पड़ता है जो उनके लिए खासा मुश्किलों भरा काम साबित होता है।
दिल्ली में रोज हो रहे लाखों टेस्ट
दिल्ली में कोरोना संक्रमण देश के किसी भी शहर से ज्यादा हो गया है। 13 अप्रैल को दिल्ली में कोरोना के 13,468 मरीज सामने आये थे और 81 लोगों की मौत हुई थी। इसी दिन दिल्ली सरकार ने एक लाख दो हजार 460 लोगों का कोरोना टेस्ट किया था जिसमें 13.14 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गये थे। इसके पहले यानी 12 अप्रैल को राजधानी में 92397 कोरोना टेस्ट हुए। सोमवार 11 अप्रैल को एक लाख 14 हजार 288 और 10 अप्रैल को 77374 कोरोना टेस्ट किये गये थे।

विस्तार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आईआईटी ग्रेजुएट हैं। उनकी उच्च शिक्षा का असर दिल्ली सरकार सरकार की योजनाओं और उनके क्रियान्वयन के तरीके में भी दिखाई पड़ता है। उन्होंने 40 से ज्यादा सेवाएं घर बैठे या ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराकर जनता को भारी राहत प्रदान की है। कोरोना मामले में भी केजलीवाल ने दिल्ली कोरोना एप बनाकर लोगों को सूचना देने में तत्परता दिखाई थी, लेकिन एक सेवा के मामले में अगर वे उत्तर प्रदेश या राजस्थान का फार्मूला अपनाएं तो दिल्ली के लाखों लोगों को वे रोजाना भारी मदद पहुंचा सकते हैं।

दरअसल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार ने अपने यहां कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट देखने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बना रखा है। उत्तर प्रदेश का कोई भी व्यक्ति जिसने अपना कोरोना टेस्ट करवा रखा है, वह वेबसाइट (labreports.upcovid19tracks.in) पर जाकर केवल अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर अपनी कोरोना रिपोर्ट चंद सेकंड में देख लेता है।राजस्थान के किसी व्यक्ति को अपनी कोरोना रिपोर्ट पाने के लिए वेबसाइट (http://103.203.138.175) पर जाकर अपनी आईडी और मोबाइल नंबर दर्ज करना पड़ता है। इसके बाद एक बटन क्लिक करते ही कोरोना रिपोर्ट प्राप्त हो जाती है। लेकिन दिल्ली के लोगों को अपनी रिपोर्ट पाने के लिए अभी भी हार्ड कॉपी पर निर्भर रहना पड़ता है।अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है, तो भी उसे अपना सैंपल देने और रिपोर्ट लाने के लिए इन सेंटरों पर जाना पड़ता है। अपने आने-जाने के इस क्रम में इस बात की आशंका बरकरार रहती है कि वह इस दौरान दर्जनों अन्य लोगों को भी कोरोना का शिकार बना दे। दिल्ली की कुछ ही प्राइवेट लैब्स अपनी रिपोर्ट मरीजों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान कर रही हैं। यही सुविधा कोरोना मरीजों के लिए भी अपनाई जा सकती है।

हर जगह रिपोर्ट के लिए दो से तीन का इंतज़ार
सामान्य तौर पर कोरोना की रिपोर्ट चौबीस घंटे के अंदर मिल जानी चाहिए। इससे मरीजों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने और उनसे किसी और को होने वाले संक्रमण को रोकने में अच्छी मदद मिल जाती है। लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण हर जगह कोरोना रिपोर्ट आने का इंतज़ार बढ़ गया है।लखनऊ के एक प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान के एक स्वास्थ्यकर्मी के अनुसार कोरोना रिपोर्ट पाने के लिए तीन से चार दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है। चूंकि कोरोना रिपोर्ट आने के पहले किसी मरीज को सामान्य वार्ड में नहीं रखा जा रहा है, इसलिए उन्हें इस दौरान उचित इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। इससे मरीजों की समस्या बढ़ गई है। दिल्ली में भी इसी प्रकार कोरोना रिपोर्ट के लिए दो से तीन दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है।

दिल्ली ने किया था सबसे पहला प्रयोग
हालांकि, कोरोना संक्रमण की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार ने सबसे पहले दिल्ली कोरोना (Delhi Corona) एप बनाया था। इस एप पर दिल्ली के लोग घर बैठे इस बात की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि राजधानी में इस समय कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति क्या है और बेड्स के लिए उन्हें किस अस्पताल में जाना चाहिए। एप पर किस अस्पताल में वेंटिलेटर बेड्स, आईसीयू बेड्स और सामान्य बेड्स की भी जानकारी दी गई है।इसे रोजाना दिन में दो बार अपडेट भी किया जाता है, ताकि लोगों को पता चल सके कि बेड पाने के लिए उन्हें किस अस्पताल में जाना चाहिए। इस एप पर लोगों को कोरोना से बचने के तरीके और सलाह केंद्र या हेल्प लाइन की जानकारी भी दी गई है। इस मामलें में दूसरे राज्य दिल्ली का मॉडल अपना सकते हैं। लेकिन राजधानी में कोरोना रिपोर्ट के लिए लोगों को आज भी हार्ड कॉपी पर ही निर्भर रहना पड़ता है जो उनके लिए खासा मुश्किलों भरा काम साबित होता है।

दिल्ली में रोज हो रहे लाखों टेस्ट
दिल्ली में कोरोना संक्रमण देश के किसी भी शहर से ज्यादा हो गया है। 13 अप्रैल को दिल्ली में कोरोना के 13,468 मरीज सामने आये थे और 81 लोगों की मौत हुई थी। इसी दिन दिल्ली सरकार ने एक लाख दो हजार 460 लोगों का कोरोना टेस्ट किया था जिसमें 13.14 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गये थे। इसके पहले यानी 12 अप्रैल को राजधानी में 92397 कोरोना टेस्ट हुए। सोमवार 11 अप्रैल को एक लाख 14 हजार 288 और 10 अप्रैल को 77374 कोरोना टेस्ट किये गये थे।