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एक दिन में 173, ये है श्मशान पहुंचे शवों का आंकड़ा, हालांकि संक्रमित से अधिक पहुंच रही सामान्य शवों की संख्या

सरकारी आंकड़ों में मंगलवार को भले ही कोरोना संक्रमित मौतों का ग्राफ गिरकर 18 पहुंच गया हो, मगर एक दिन में शवों का आंकड़ा सवा गुना बढ़ गया। शहर के श्मशानों पर शाम सात बजे तक 173 शव पहुंचे। इनमें 73 शव कोरोना संक्रमितों के रहे। ऐसे में शवदाह स्थलों की संख्या बढ़ाए जाने के बाद भी अंतिम संस्कार में कई-कई घंटे का समय लग रहा है, क्योंकि एक शव के अंतिम संस्कार में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है।शहर के दो श्मशान स्थल गुलाला घाट और बैकुंठधाम पर मंगलवार शाम सात बजे तक 173 शव पहुंचे, जो कि सोमवार की तुलना में अधिक रहे। हालांकि मंगलवार को संक्रमित शवों की तादाद सोमवार की तुलना में कम रही। सोमवार को शाम सात बजे तक 80 संक्रमित शव पहुंचे थे जबकि मंगलवार को उसी समय तक यह संख्या 73 रही है। वहीं दूसरी ओर मंगलवार को सामान्य शवों की तादाद दो गुना बढ़ गई। सोमवार को जहां सामान्य शवों की संख्या शाम सात बजे तक 50 थी वह मंगलवार को वह दो गुनी होकर 100 पहुंच गई। अंतिम संस्कार कार्य से जुड़े कर्मियों ने बताया कि बैकुंठधाम पर सात बजे तक 55 और गुलालाघाट पर 45 शव पहुंचे।बैकुंठधाम में पंडों के टाल पर आई चार ट्रक लकड़ीनगर निगम प्रशासन की सख्ती के बाद बैकुंठधाम पर लकड़ी की टाल चलाने वाले पंडों ने ऐशबाग से चार ट्रक लकड़ी मंगवाई, जिसके बाद मंगलवार को बैकुंठ धाम पर लकड़ी की किल्लत नहीं रही। सोमवार को टाल पर लकड़ी की कमी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था और अंतिम संस्कार के लिए आए लोगों को बाहर से लकड़ी खरीदकर लाना पड़ा था। बैकुंठधाम के पंडित केके पांडेय ने बताया कि अब लकड़ी की कोई समस्या नहीं है। ऐशबाग से चार ट्रक लकड़ी आ गई है।बैकुंठधाम और गुलाला घाट पर मंगलवार शाम सात बजे तक 73 कोरोना संक्रमित शव पहुंचे। उनका अंतिम संस्कार विद्युत शवदाहगृह और लकड़ी के जरिए कराया गया है। किसी तरह की कोई असुविधा किसी को न हो उसको लेकर पूरा प्रयास किया जा रहा है।- अमित कुमार, अपर नगर आयुक्त