Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Prayagraj Corona Update: कोरोना का कहर जारी, 11 की मौत, 2236 नए संक्रमित

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन संक्रमितों के रिकार्ड मामले सामने आ रहे हैं। जिले में शुक्रवार को कोरोना से जहां 11 संक्रमितों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया, वहीं 24 घंटे के दौरान 2236 नए कोरोना पॉजिटिव पाए गए । सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय के मुताबिक जिले में शुक्रवार को कुल 11969 लोगों की कोविड जांच की गई। कोविड अस्पतालों से कुल 55 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। वहीं 808 लोगों ने होम आइसोलेशन पूरा किया। कुल 863 लोगों ने कोरोना को मात दी। सीएमओ ने बताया कि 24 घंटे में 11 संक्रमितों की उपचार के दौरान मौत हो गई।
शहर के कोविड अस्पताल हुए फुल, भटक रहे मरीजकोविड मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण शहर के सभी कोविड अस्पताल फुल हो गए हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या चौंकाने वाली है। शहर में हालात ऐसे हैं कि संक्रमितों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं। सरकारी कोविड अस्पतालों को मरीजों के भर्ती करने के लिए बेड नहीं हैं, यही स्थिति निजी कोविड अस्पतालों की भी है। उपचार के दौरान जान गंवाने वालों और डिस्चार्ज हो रहे मरीजों के खाली बेड पर भर्ती होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। जिम्मेदार जानकारी देने और व्यवस्था संबंधी जानकारी देने से कतरा रहे हैं। अव्यवस्थाओं पर पर्दा डालने के लिए देर रात सिर्फ कुल जांच और संक्रमितों का आंकड़ा मुश्किल से सार्वजनिक किया जा रहा है।  
अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों का नहीं हो रहा उपचार
मंडल के दो बड़े एसआरएन और बेली अस्पताल  में सामान्य ओपीडी ठप है। कई बड़े निजी चिकित्सालयों में कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अन्य निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में सामान्य रोगियों का इलाज कराना मुश्किल हो रहा है। सदियापुर के रामश्रय ने बताया कि वह पेट की बीमारी से पीड़ित हैं। एसआरएन अस्पताल के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग में इलाज चल रहा था। अब वह ओपीडी ठप होने से वह इलाज के लिए भटक रहे हैं। निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में काफी दूर से उन्हीं मरीजों को देखा जा रहा है, जो पहले से पंजीकृत हैं। कौड़िहार के हरिराम शुक्ला को सीने में दर्द की शिकायत पर पास स्थित सीएचसी ले जाया गया। वहां बताया गया कि उन्हें हार्टअटैक आया है। निजी अस्पतालों ने भर्ती किया नहीं। एसआरएन की इमरजेंसी में जांच और इलाज के बाद उन्हें कॉर्डियोलॉजी विभाग के आईसीयू में किसी तरह भर्ती कराया गया तब जाकर जान बची। यह मामले बानगी भर हैं, परेशान लोगों की संख्या हजारों में है, जिन्हें इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है।

कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन संक्रमितों के रिकार्ड मामले सामने आ रहे हैं। जिले में शुक्रवार को कोरोना से जहां 11 संक्रमितों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया, वहीं 24 घंटे के दौरान 2236 नए कोरोना पॉजिटिव पाए गए । सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय के मुताबिक जिले में शुक्रवार को कुल 11969 लोगों की कोविड जांच की गई। कोविड अस्पतालों से कुल 55 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। वहीं 808 लोगों ने होम आइसोलेशन पूरा किया। कुल 863 लोगों ने कोरोना को मात दी। सीएमओ ने बताया कि 24 घंटे में 11 संक्रमितों की उपचार के दौरान मौत हो गई।

prayagraj news : कोविड टीकाकरण।
– फोटो : prayagraj

शहर के कोविड अस्पताल हुए फुल, भटक रहे मरीजकोविड मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण शहर के सभी कोविड अस्पताल फुल हो गए हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या चौंकाने वाली है। शहर में हालात ऐसे हैं कि संक्रमितों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं। सरकारी कोविड अस्पतालों को मरीजों के भर्ती करने के लिए बेड नहीं हैं, यही स्थिति निजी कोविड अस्पतालों की भी है। उपचार के दौरान जान गंवाने वालों और डिस्चार्ज हो रहे मरीजों के खाली बेड पर भर्ती होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। जिम्मेदार जानकारी देने और व्यवस्था संबंधी जानकारी देने से कतरा रहे हैं। अव्यवस्थाओं पर पर्दा डालने के लिए देर रात सिर्फ कुल जांच और संक्रमितों का आंकड़ा मुश्किल से सार्वजनिक किया जा रहा है।  

prayagraj news
– फोटो : prayagraj

अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों का नहीं हो रहा उपचारमंडल के दो बड़े एसआरएन और बेली अस्पताल  में सामान्य ओपीडी ठप है। कई बड़े निजी चिकित्सालयों में कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अन्य निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में सामान्य रोगियों का इलाज कराना मुश्किल हो रहा है। सदियापुर के रामश्रय ने बताया कि वह पेट की बीमारी से पीड़ित हैं। एसआरएन अस्पताल के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग में इलाज चल रहा था। अब वह ओपीडी ठप होने से वह इलाज के लिए भटक रहे हैं। निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में काफी दूर से उन्हीं मरीजों को देखा जा रहा है, जो पहले से पंजीकृत हैं। कौड़िहार के हरिराम शुक्ला को सीने में दर्द की शिकायत पर पास स्थित सीएचसी ले जाया गया। वहां बताया गया कि उन्हें हार्टअटैक आया है। निजी अस्पतालों ने भर्ती किया नहीं। एसआरएन की इमरजेंसी में जांच और इलाज के बाद उन्हें कॉर्डियोलॉजी विभाग के आईसीयू में किसी तरह भर्ती कराया गया तब जाकर जान बची। यह मामले बानगी भर हैं, परेशान लोगों की संख्या हजारों में है, जिन्हें इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है।