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Corona in Noida : ‘डॉक्टर साहब… प्लाज्मा दे दो नहीं तो मेरी मां मर जाएगी’, नोएडा में मदद के लिए तड़प रहे लोग

हाइलाइट्स:नोएडा में भी लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मरीजकोरोना से ठीक हुए लोग डोनेट नहीं कर रहे प्लाज्माकोरोना मरीज के परिवार प्लाज्मा के लिए हो रहे परेशाननोएडा में 26000 से ज्यादा लोग ठीक हुए, 18 से 60 साल की उम्र के 90 फीसदी लोगअभिषेक गौतम, नोएडाडॉक्टर साहब मेरी मां को कोरोना हो गया है। दिल्ली के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने कहा है कि अगर अपनी मां को बचाना चाहते हो तो तत्काल कहीं से ए पॉजिटिव प्लाज्मा ले आओ। सर…प्लीज प्लाज्मा दे दो, नहीं तो मेरी मां मर जाएगी।ऐसे तमाम कॉल रोजाना नोएडा के सेक्टर 30 चाइल्ड पीजीआई में आ रहे हैं। यहां डॉक्टर किसी तरह प्लाज्मा देकर लोगों की मदद कर रहे हैं। वहीं अब चाइल्ड पीजीआई में प्लाज्मा का संकट गहराने लगा है। रोजाना 8 से 10 लोग प्लाज्मा न मिलने पर निराश होकर लौट रहे हैं।90 फीसदी 18 से 60 साल केजिले में अबतक 26 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से ठीक होकर अपने घर पहुंच चुके हैं। इनमें करीब 90 फीसदी 18 से 60 आयु वर्ग के बीच के हैं। ये लोग प्लाज्मा दान कर गंभीर मरीजों की जान बचा सकते हैं। ये कोरोना योद्धा प्लाज्मा दान नहीं कर रहे हैं।सिर्फ 125 नो डोनेट किया प्लाज्मासैकड़ों लोगों की जान जोखिम में आ गई है। चाइल्ड पीजीआई में अब तक सिर्फ 125 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया है, जबकि कोरोना को मात देने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। अगर वे प्लाज्मा डोनेट करें तो लोगों की जान बच सकती है।400 से 500 एमएल लिया जाएगा प्लाज्माएक कोरोना योद्धा दो गंभीर मरीजों की जान बचा सकता है। चाइल्ड पीजीआई के डॉ. सत्यम बताते हैं कि जो लोग संक्रमण को मात दे चुके हैं उनका प्लाज्मा कोरोना की लड़ाई में बहुत ही कारगर है। जो लोग कोरोना को मात देकर 14 दिन बिता चुके हैं उनके शरीर से 400 या 500 एमएल प्लाज्मा लिया जाएगा। उसे ब्लड बैंक में रखा जाएगा। कोविड-19 वॉर्ड में भर्ती गंभीर मरीजों को ये प्लाज्मा चढ़ाया जाएगा। डॉ. सत्यम ने बताया कि प्लाज्मा लेने में करीब 2 से 3 घंटे लगते हैं।चाइल्ड पीजीआई में प्लाज्मा न के बराबर है। हर एक ग्रुप का एक यूनिट प्लाज्मा इमरजेंसी में उपलब्ध है। कोरोना योद्धाओं से अपील है कि वे प्लाज्मा डोनेट कर दो गंभीर मरीज की जान बचाएं।डॉ. सत्यम अरोड़ा, ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग, चाइल्ड पीजीआई18 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए प्लाज्मा थेरपीडॉ. सत्यम के मुताबिक, 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले मरीज का इलाज प्लाज्मा थेरपी से किया जाएगा। जिन मरीजों के फेफड़े ज्यादा खराब हो जाते हैं उनकी जान प्लाज्मा थेरपी से बचाई जाती है। बता दें कि प्लाज्मा मरीज के शरीर में जाकर एंटी बॉडी बनाता है। इससे कोरोना वायरस कमजोर पड़ने लगता है।प्लाज्मा दान