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वाराणसी में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत, अस्पताल में बेड के लिए भी मारामारी

अभिषेक जायसवाल, वाराणसीपीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बीमार हो गई है। वाराणसी के अस्पताल में बेड से लेकर ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी है। जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 3 शासकीय और 33 निजी अस्पताल बनाए गए हैं। इसके बावजूद अस्पतालों में बेड की किल्लत है।वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा भी खुद मानते हैं कि जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन के डिमांड का महज 50 फीसदी ही इंतजाम हो पा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में अचानक बढ़ी संख्या के कारण ये किल्लत सामने आई है। आंकड़े के मुताबिक, जिले में हर रोज 600 वॉयल रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन 300 से 350 वॉयल ही मिल पा रही है।36 अस्पताल में लगभग 2500 बेडवाराणसी में निजी और सरकारी अस्पतालों को मिलाकर 36 अस्पतालों में करीब 2500 बेड बनाए गए हैं, लेकिन फिर भी बढ़ते मरीजों की संख्या के कारण जिले में बेड की किल्लत से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। बीएचयू, दीनदयाल राजकीय अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में लोग बेड के लिए अफसर और मंत्रियों से सिफारिश करवा रहे हैं। वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि बढ़ते संक्रमण के कारण अस्थाई अस्पताल के अलावा जो अस्पताल पहले से चल रहे उसमे बेड बढ़ाए जाने के लिए प्रयास जारी हैं।ऑक्सीजन के लिए भटक रहे लोगबढ़ते मरीजों की संख्या के कारण जिले में ऑक्सीजन की भी किल्लत है। निजी अस्पतालों के अलावा कई सरकारी अस्पतालों में ये समस्याएं आ रही हैं। अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए लगातार एजेंसी संचालकों को फोन कर रहे हैं, लेकिन जवाब हर जगह एक ही है कि ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं है।पीएम मोदी ने दिए हैं व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देशवाराणसी में कोरोना से बिगड़े हालात के बीच रविवार को पीएम मोदी ने अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों संग बैठक कर अपने संसदीय क्षेत्र के स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल जाना। इस दौरान पीएम मोदी ने अफसरों से अस्पतालों में बेड के अलावा ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओं को दुरुस्त करने का निर्देश दिया।