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अस्पतालों ने कहा- नो बेड…एक ने ऐंबुलेंस में और दूसरे ने बेटे की गोद में ही तोड़ दिया दम

हाइलाइट्स:उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से निजात दिलाने के दावे के बीच अस्पतालों में नो-बेड के हालात छिपे नहीं हैंमेरठ में इलाज नहीं मिलने की वजह से एक मरीज ने ऐंबुलेंस में ही दम तोड़ा, दूसरे मरीज ने अपने बेटे की गोद में ही जान दीमुरादाबाद से रिटायर्ड पेशकार प्रमोद गोयल संभल जिले चंदौसी में रहते थे, उन्हें बुखार आया था, बाद में कोरोना के लक्षण दिखेमेरठउत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से निजात दिलाने के दावे के बीच अस्पतालों में नो-बेड के हालात छिपे नहीं हैं। मेरठ में इलाज नहीं मिलने की वजह से एक मरीज ने ऐंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। वहीं एक अन्य मरीज ने अपने बेटे की गोद में ही जान दे दी। मुरादाबाद से रिटायर्ड पेशकार प्रमोद गोयल संभल जिले चंदौसी में रहते थे। उन्हें बुखार आया था। बाद में कोरोना के लक्षण देख डॉक्टरों ने मुरादाबाद रेफर कर दिया। प्रमोद गोयल का बेटा अंकुर पिता को ऐंबुलेंस से मुरादाबाद लेकर पहुंचा। यहां एक निजी अस्पताल ने बेड देने का भरोसा दिया गया था, लेकिन वह बेड के लिए अस्पताल के बाहर इंतजार करता रहा। आरोप है कि करीब दो घंटे बाद बेड नहीं होने की बात कहकर उसे लौटा दिया। सारा दिन अस्पतालों का चक्कर काटता रहाइस दौरान प्रमोद गोयल की तबीयत बिगड़ने लगी। अंकुर पिता को ऐंबुलेंस में लेकर कई अस्पतालों में पहुंचा, लेकिन बेड नहीं मिला। इस बीच एक परिचित ने बेड दिलाने में मदद का भरोसा दिया, लेकिन जब तक व्यवस्था होती ऐंबुलेंस में पिता ने उसकी गोद में दम तोड़ दिया। अंकुर गोयल का कहना है कि कोरोना के लक्षण दिखने पर वह पिता को लेकर इलाज के लिए सारा दिन अस्पतालों का चक्कर काटता रहा, बेड लेकिन नहीं मिला। बाद में चंदौसी में अंतिम संस्कार कर दिया। पिता की मौत के लिए कोरोना से ज्यादा बदइंतजामी जिम्मेदार है।दिल्ली और एनसीआर के हॉस्पिटल में ऑक्सिजन, बेड नहीं मिलने और भर्ती करने से इनकार करने पर मेरठ पहुंचे कोरोना संक्रमित मरीज ने मेरठ मेडिकल अस्पताल में दम तोड़ दिया। मुरादनगर निवासी संदीप शर्मा (31) का कोरोना संक्रमित होने पर ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा। परिजनों के अनुसार, सोमवार को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद के अस्पतालों में बेड नहीं मिला। रात करीब नौ बजे वह संदीप को मेरठ ले आए। ऑक्सिजन की कमी के कारण सांस लेने में दिक्कतमेरठ में कई अस्पतालों में बेड के लिए ट्राई किया। ‘नो बेड’ बताने पर मेरठ मेडिकल कॉलेज पहुंचे। वहां भी बेड नहीं मिला। भर्ती नहीं किया गया। ऑक्सिजन की कमी के कारण सांस लेने में दिक्कत होने बढ़ गई। संदीप की ऐंबुलेंस में ही मौत हो गई। परिजन शव मुरादनगर ले गए। संदीप के पिता विनीत शर्मा शिमला के खाद्यी ग्रामोद्योग में कार्यरत हैं।सांकेतिक तस्वीर