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Coronavirus in Lucknow: चार हजार का दावा, 6 दिन में बढ़े महज 167 बेड, पूरा अमला लगने के बाद भी KGMU में दिक्कत

जीशान हुुसैन राईनी, लखनऊ यूपी की राजधानी लखनऊ में शासन के अधिकारी और पूरा अमला लगने के बाद भी केजीएमयू में कोविड बेड की बढ़ोतरी अपने ढर्रे पर चल रही है। 24 घंटे में बेड बढ़ाने के आदेश दिए गए थे और दावा था कि चार हजार बेड बढ़ेंगे। बावजूद इसके छह दिन बाद पूरे केजीएमयू में कोविड के महज 167 बेड ही बढ़ सके हैं। सुस्ती का यह हाल तब है, जब शहर में रोज पांच हजार से अधिक नए संक्रमित मिल रहे हैं।शासन के 15 फरवरी के आदेश में केजीएमयू पूरा डेडिकेटेड कोविड अस्पताल घोषित किया गया। इसके बाद 16 फरवरी को केजीएयमू वीसी बिपिन पुरी से सभी हेड के साथ बैठक की और अगले दो दिनों में बेड बढ़ोतरी का दावा किया। शासन ने भी उसी दिन 24 घंटे में बेड बढ़ाने को कहा। लगभग चार हजार बेड संचालित होने थे। उस दिन तक 500 बेड संचालित हो रहे थे।500 बेड भी बढ़ना मुश्किल शासन की ओर से केजीएमयू के कोविड प्रभारी अधिकारी नियुक्त किये गए डॉ. वीरेंद्र आतम ने बताया कि मेडिसिन विभाग, आईडीएच बिल्डिंग और सर्जरी विभाग में मिलाकर कुल 167 बेड बढ़े हैं। इसमें लगभग 40 बेड पर वेंटीलेटर की सुविधा है। अगले दो से तीन दिनों में 100 बेड और बढ़ाने की तैयारी है। रफ्तार कम होने का कारण डॉक्टरों और कर्मचारियों का बीमार होना है। ऐसे में टीम के मुताबिक ही बेड बढ़ाए जा रहे हैं। ऐसे में अगले छह दिनों में भी पांच सौ बेड बढ़ना मुश्किल है।नॉन कोविड का इलाज बंद केजीएमयू में नॉन कोविड का इलाज पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। लगभग तीन से चार सौ मरीजों को रोज भर्ती किया जाता था। अब यही मरीज दूसरे निजी अस्पतालों में जा रहे हैं, जिससे अब निजी अस्पताल भी भर गए हैं। ऐसे में आम आदमी नॉन कोविड इलाज के लिए भटक रहा है। आलम यह है कि सामान्य बीमारियों का इलाज भी मुश्किल हो गया है।बलरामपुर में भी नहीं बढ़े बलरामपुर अस्पताल को भी डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया है। यहां कोविड आईसीयू के 300 बेड संचालित हो रहे हैं। जबकि कुल 746 बेड को पूर्ण रूप से कोविड में तब्दील करने और 24 घंटे में क्रीयाशील करने का आदेश दिया गया है। इसके बावजूद सारे बेड शुरू नहीं हो सके हैं। KGMU (फाइल फोटो)