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कोरोना के बढ़ते संक्रमण की जद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के कर्मचारी और अधिवक्ता भी तेजी से आ रहे हैं। बृहस्पतिवार को संयुक्त निबंधक विन्ध्येश पांडेय की वाराणसी के एक निजी अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई। जबकि उप निबंधक राजेश पाल का भी बुधवार की देर रात निधन हो गया। सहकर्मियों का कहना है कि अस्पताल में बेड न मिल पाने के कारण पाल को समय से उपचार नहीं मिल पाया। इससे पहले पूर्व प्रधान निजी सचिव /निबंधक के एस त्रिपाठी और समीक्षा अधिकारी बृजेश कुमार की भी कोरोना से मौत हो चुकी है। वहीं अब तक दो दर्जन से ज्यादा अधिवक्ताओं की मौत कोरोना संक्रमण से हो चुकी है। महानिबंधक आशीष गर्ग भी कोरोना संक्रमित हैं, जो घर में आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। हाईकोर्ट के लगभग तीन सौ वकील संक्रमण से जूझ रहे हैं।उच्च न्यायालय कर्मचारी अधिकारी संघ के महासचिव बृजेश शुक्ल ने बताया कि संयुक्त निबंधक विन्ध्येश को प्रयागराज में बेड नहीं मिला तो उन्हे, वाराणसी के अस्पताल मे भर्ती कराया गया ।जीवन रक्षक दवाओं का भी भारी जद्दोजहद के बाद इंतजाम करने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। बृहस्पतिवार को शाम चार बजे मौत हो गई। बृजेश शुक्ल बताते हैं कि फाफामऊके रहने वाले उप निबंधक पाल की रात तीन बजे तबीयत बिगड़ी। बेली अस्पताल में यह कहते हुए भर्ती से इंकार कर दिया गया कि सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था के तहत आएं और आरटीपीसीआर की पॉजिटिव रिपोर्ट दें। एंटीजेन रिपोर्ट निगेटिव थी। शहर के अन्य अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद बेड नहीं मिला और जार्जटाउन में एक अस्पताल के सामने दो बजे मौत हो गई। संघ के महासचिव का कहना है कि हाईकोर्ट कर्मचारियों की संख्या काफी अधिक है। उनके लिए एक अलग आइसोलेशन सेंटर और इलाज के व्यवस्था की आवश्यकता है। इस घटना से हाईकोर्ट कर्मचारियों, अधिकारियों में भय व्याप्त हो गया है।
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कोरोना के बढ़ते संक्रमण की जद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के कर्मचारी और अधिवक्ता भी तेजी से आ रहे हैं। बृहस्पतिवार को संयुक्त निबंधक विन्ध्येश पांडेय की वाराणसी के एक निजी अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई। जबकि उप निबंधक राजेश पाल का भी बुधवार की देर रात निधन हो गया। सहकर्मियों का कहना है कि अस्पताल में बेड न मिल पाने के कारण पाल को समय से उपचार नहीं मिल पाया।
इससे पहले पूर्व प्रधान निजी सचिव /निबंधक के एस त्रिपाठी और समीक्षा अधिकारी बृजेश कुमार की भी कोरोना से मौत हो चुकी है। वहीं अब तक दो दर्जन से ज्यादा अधिवक्ताओं की मौत कोरोना संक्रमण से हो चुकी है। महानिबंधक आशीष गर्ग भी कोरोना संक्रमित हैं, जो घर में आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। हाईकोर्ट के लगभग तीन सौ वकील संक्रमण से जूझ रहे हैं।
उच्च न्यायालय कर्मचारी अधिकारी संघ के महासचिव बृजेश शुक्ल ने बताया कि संयुक्त निबंधक विन्ध्येश को प्रयागराज में बेड नहीं मिला तो उन्हे, वाराणसी के अस्पताल मे भर्ती कराया गया ।जीवन रक्षक दवाओं का भी भारी जद्दोजहद के बाद इंतजाम करने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। बृहस्पतिवार को शाम चार बजे मौत हो गई।
बृजेश शुक्ल बताते हैं कि फाफामऊके रहने वाले उप निबंधक पाल की रात तीन बजे तबीयत बिगड़ी। बेली अस्पताल में यह कहते हुए भर्ती से इंकार कर दिया गया कि सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था के तहत आएं और आरटीपीसीआर की पॉजिटिव रिपोर्ट दें। एंटीजेन रिपोर्ट निगेटिव थी। शहर के अन्य अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद बेड नहीं मिला और जार्जटाउन में एक अस्पताल के सामने दो बजे मौत हो गई। संघ के महासचिव का कहना है कि हाईकोर्ट कर्मचारियों की संख्या काफी अधिक है। उनके लिए एक अलग आइसोलेशन सेंटर और इलाज के व्यवस्था की आवश्यकता है। इस घटना से हाईकोर्ट कर्मचारियों, अधिकारियों में भय व्याप्त हो गया है।
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